राजस्थान के ये अफसर डकार गए बच्चों के पोषाहार के करोड़ों रुपए, यूं हुआ चौंकाने वाला खुलासा
नवीन वैष्णव/Ajmer News अजमेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने बच्चों के पोषाहार में 9 करोड़ रुपए का घोटाला करने वाले दो सीडीपीओ को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला उपनिदेशक और 3 ठेकेदारों को पूर्व में जेल भेज दिया गया था।
ACB Ajmer के एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि जुलाई 2018 में तत्कालीन एसपी कैलाश बिश्नोई ने अपने स्तर पर प्रसंज्ञान लेकर बच्चों की सेहत से खिलवाड़ करके करोड़ों रुपए हजम करने की आरोपी महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक उषा रानी और 3 ठेकेदारों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से 50 लाख से अधिक की रकम भी एसीबी की टीम ने पकड़ी थी।
'PM मोदी बड़े बाजीगर, मगर लोकसभा चुनाव 2019 में नहीं चलेगी बाजीगरी'
एफआईआर में डेगाना सीडीपीओ उषा यादव और कुचामन सीड़ीपीओ शक्ति सिंह हापावत को भी नामजद किया गया था। मामले में पूछताछ के दौरान सामने आया कि उषा यादव ने डेढ़ करोड़ और शक्ति सिंह ने 7 करोड़ 40 लाख रुपए के फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर किए थे।
इस मामले में खास बात यह भी थी कि बिलों पर हस्ताक्षर करने की एवज में अधिकारियों ने 25 फीसदी रिश्वत की राशि देने का एमओयू तक कर रखा था। आपको बता दें कि पूर्व में महिला एवं उपनिदेशक उषारानी, ठेकेदार डेगाना निवासी हरी सिंह, योगेश दायमा और चुई निवासी किशोर बेंडा को गिरफ्तार किया था।