अजमेर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

Merry Christmas : ये है राजस्थान का पहला चर्च, 149 साल पूर्व लंदन से मंगवाया था 720 KG का घंटा

Google Oneindia News

अजमेर। दुनियाभर में हर साल 25 दिसम्बर को क्रिसमस बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोग इस बड़े दिन को एक साथ मिलकर मनाते हैं। हालांकि कोरोना महामारी वाले साल 2020 में क्रिसमस की धूम कुछ कम रहेगी। लोग एक साथ भीड़ एकत्रित करने की बजाय सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अपने-अपने घरों में रहकर क्रिसमस मनाने की कोशिश करेंगे।

Recommended Video

Merry Christmas : ये है राजस्थान का पहला चर्च, 149 साल पूर्व लंदन से मंगवाया था 720 KG का घंटा
घंटे के साथ ही घड़ियाल भी लाया गया

घंटे के साथ ही घड़ियाल भी लाया गया

क्रिसमस 2020 के मौके पर आइए आपको बताते हैं राजस्थान के पहले चर्च के बारे में जो अजमेर जिले के ब्यावर में स्थित है। नाम है शूलब्रेड मेमोरियल चर्च। यह अंग्रेजों के जमाने का चर्च है। ब्यावर के शूलब्रेड मेमोरियल चर्च में 149 साल पहले वर्ष 1871 में लंदन से मंगवाया गया 720 किलोग्राम का घंटा भी लगाया हुआ है। इसके अलावा 480 किलो का घड़ियाल भी लाया गया था।

 ब्यावर के शूलब्रेड मेमोरियल चर्च के निर्माण की कहानी

ब्यावर के शूलब्रेड मेमोरियल चर्च के निर्माण की कहानी

कहते हैं कि वर्ष 1858 में जहाज से स्कॉटलैंड के दो पादरी रेव्ह स्टील व विलियम शूलब्रेड प्रभू यीशु के संदेशों को पहुंचाने के लिए मुंबई आए थे। वहां से उदयपुर व आबूरोड होते हुए ब्यावर पहुंचे। रेव्ह विलियम शूलब्रेड ने 3 मार्च 1860 को ब्यावर की एक पहाड़ी पर चर्च की नींव रखी। 12 साल बाद 1872 में चर्च बनकर तैयार हुआ।

शूलब्रेड मेमोरियल चर्च में साल 2020 का क्रिसमस

शूलब्रेड मेमोरियल चर्च में साल 2020 का क्रिसमस

ब्यावर में स्थित राजस्थान के इस पहले चर्च में हर साल क्रिसमस पर होने वाले विशेष आयोजन इस बार नहीं होंगे। शूलब्रेड मेमोरियल चर्च के सचिव दीपक मैथ्यू ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण क्रिसमस पर्व पर प्रभु आराधना सुबह होगी। इसमें शामिल होने वाले लोगों की ज्यादा संख्या होने के कारण प्रार्थना कक्ष के अतिरिक्त पास ही स्थित हॉल में प्रोजेक्टर की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आराधना कर सके। कोरोना गाइडलाइन के पालन के साथ 26 से 31 दिसंबर तक केवल बच्चों के लिए यहां पार्क में विभिन्न प्रतियोगिताएं होगी।

Christmas 2020: जानें क्यों और कब से चली आ रही है क्र‍िसमस ट्री सजाने की परंपरा, क्या है इसके पीछे की कहानीChristmas 2020: जानें क्यों और कब से चली आ रही है क्र‍िसमस ट्री सजाने की परंपरा, क्या है इसके पीछे की कहानी

Comments
English summary
Shoolbred Memorial Church of Beawar Ajmer is first church of Rajasthan
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X