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अजमेर। अलवर गेट थाना पुलिस ने व्यापार में निवेश करने का झांसा देकर ठगी करने वाले पाकिस्तानी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। अजमेर के अलवर गेट थानाधिकारी मुकेश चौधरी ने बताया कि 27 अगस्त को नाका मदार निवासी अंकुर दत्ता ने 1 लाख 35 हजार रुपए की ठगी करने की रिपोर्ट दी थी। इस पर मामला दर्ज कर जांच की गई। जांच में सामने आया कि दिल्ली के तिलक नगर निवासी राजेश उर्फ हकला के खाते में ठगी गई रकम में से 60 हजार रूपए डाले गए हैं।
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पुलिस की टीम दिल्ली गई और आरोपी राजेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका बैंक अकाउंट जगजीत सिंह सरदार ही काम में लेता है। इसके बदले में उसे कमीशन दिया जाता है। इस आधार पर जब जगजीत सिंह सरदार का पता लगाकर उसे पकड़ा गया तो पहले वह नकारता रहा, लेकिन बाद में उसने वारदात अंजाम देना कबूल किया। थानाधिकारी मुकेश चौधरी ने कहा कि आरोपी जगजीत सिंह सरदार मूलतः पाकिस्तान के जुगनशाह मौहल्ला, शाह काबूल का रहने वाला है। जगजीत सिंह सरदार वर्ष 2014 से लोंग टर्म विजा पर भारत में रह रहा है और वर्तमान में पश्चिमी दिल्ली में निवास कर रहा है।
दो माह पहले भी हुआ अरेस्ट
थानाधिकारी चौधरी की मानें तो आरोपी जगजीत सिंह दो माह पहले दिल्ली के विकासपुरी थाने में लगभग 4 लाख के ठगी के मामले में गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद वह जमानत पर जेल से छूटा और फिर से लोगों को अपने झांसे में लेने लगा था। आरोपी से ओर भी कई वारदातों का खुलासा हो सकता है। जिन दो खातों में परिवादी अंकुर दत्ता से ठगी गई रकम डलवाई गई, उनकी भी पड़ताल की जा रही है।
कस्टम अधिकारी बन लिया झांसे में
परिवादी अंकुर दत्ता ने रिपोर्ट के जरिए बताया कि 7 अगस्त को उसके पास सुनिता नामक महिला का कॉल आया, जिसने खुद को यूएसए टैक्सर्स से बताया और इंडिया में बिजनेेस करने की बात कही। वह उसकी बातों में आ गया और उसे इंडिया आने को कहा। इसके बाद 21 अगस्त को उसके पास धीरज कुमार नामक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को कस्टम अधिकारी बताया और बॉम्बे एयरपोर्ट से बोलने की बात कही। धीरज कुमार ने सुनिता को 80 लाख की ज्वैलरी व 71 लाख रुपए के डीडी के साथ पकड़ने की बात कहते हुए डयूटी के रुपए जमा करवाने को कहा। उसने पहले 36 हजार 500 बाद में 98 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी उसे 1 लाख 80 हजार रुपए और ट्रांसफर करने को कहा तो उसे अपने साथ ठगी होने का अहसास हो गया।