अजमेर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

2 बेटियों के कंधे पर दुनिया से विदा हुई मां, कोई नहीं रोक पाया आंसू

By नवीन वैष्णव
Google Oneindia News

ajmer News in Hindi, अजमेर। बेटे और बेटी का अंतर 21वीं सदी में लगभग समाप्त ही हो गया है, लेकिन कुछ लोग आज भी रूढ़िवादी विचारों के साथ जी रहे हैं। बेटों को बेटियों से बेहतर समझते हैं, मगर अजमेर ने बेटियों ने बेटों का फर्ज निभाया है। दरअसल, गड्डी मालियान अजमेर निवासी चमन देवी की मृत्य हो गई। चमन देवी की दो बेटियों ने ही कंधा देने से लेकर मुखाग्नि तक की सारी रस्में निभाई।

Daughters Perform last Rites of Their mother in Ajmer

पार्षद विजय सिंह गहलोत ने बताया कि चमन देवी के कोई बेटा नहीं था। शोभा और नीलम दो बेटियां थीं, जिन्हें भी ससुराल के लिए विदा कर दिया गया था। गत ढाई-तीन साल पहले चमन देवी को कैंसर ने अपनी चपेट में ले लिया। दोनों बेटियां अपने परिवार को भूलकर अपनी माँ की सेवा में जुट गई। अहमदाबाद ले जाकर भी माँ चमन देवी का इलाज करवाया, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

<strong>आर्मी में मेजर है यह राजपूत बहू, दादा-नाना को वर्दी में देख बन गई उनसे भी बड़ी अफसर, प्रेरणादायक है इनकी स्टोरी </strong>आर्मी में मेजर है यह राजपूत बहू, दादा-नाना को वर्दी में देख बन गई उनसे भी बड़ी अफसर, प्रेरणादायक है इनकी स्टोरी

चमन देवी की मृत्यु होने पर दोनों बेटियां जब कंधे पर माँ की अर्थी लेकर जा रही थी तो हर किसी की आंखों में आंसू थे। दोनों बेटियों ने ही अपनी माँ को मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। इसे जिस किसी ने भी देखा तो उसके मन से बेटे और बेटी के बीच का अंतर हमेशा के लिए दूर हो गया।

Daughters Perform last Rites of Their mother in Ajmer

इधरर, 2 बेटों का परिवार होने के बावजूद मां 3 बेटियों के कंधों पर हुई दुनिया से विदा

सीकर जिले के रामगढ़ शेखावाटी कस्बे के रघुनाथपुरा मोहल्ला निवासी चंद्रीदेवी की अर्थी उठी तो उसे कंधा देने वाले बेटे-पोते नहीं बल्कि तीन बेटियां थीं। ऐसा नहीं है कि चंद्रीदेवी के बेटे-पोते पैदा ही नहीं हुए जो बेटियों को बेटों का फर्ज निभाना पड़ रहा हो।

चंद्रीदेवी देवी के दो बेटे पैदा हुए। राधेश्याम व हरिप्रसाद। दोनों का परिवार वर्तमान में दिल्ली रहता है। दोनों बेटों की मौत हो चुकी है। इनके घर में दो बहू व चार पोते हैं। बेटे, बहू व पोते लम्बे समय से चंद्रीदेवी की अनदेखी कर रहे थे। अपनों की अनदेखी की वजह से चंद्रीदेवी टूट चुकी थी। शनिवार को उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना दिए जाने के बावजूद बेटे-बहू उसका अंतिम संस्कार करने तक नहीं आए।

Comments
English summary
Daughters Perform last Rites of Their mother in Ajmer
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X