Ayodhya Verdict: अजमेर दरगाह के दीवान बोले-सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान, अयोध्या फैसला स्वीकार
अजमेर। देश में बहुचर्चित अयोध्या भूमि विवाद पर 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में शनिवार सुबह साढ़े दस बजे बड़ा फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने का फैसला किया है। साथ ही कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को दूसरे स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है।
अयोध्या भूमि विवाद में आए फैसले का राजस्थान के अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान ने स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है।
अजमेर दरगाह दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा है कि न्यायपालिका सर्वोच्च है। सभी को अयोध्या भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। पूरी दुनिया की इस फैसले पर नजर है। यह समय दुनिया के सामने एकजुटता की मिसाल पेश करना का है।
Ayodhya Verdict: रामलला विराजमान को दी गई विवादित जमीन, हिन्दू महासभा ने कहा ऐतिहासिक फैसला