यहां की 50% आबादी शराब-नशे की गिरफ्त में, 10-12 साल के बच्चे पीते हैं गांजा, महिलाओं ने छेड़ी 'जंग'
Gujarat News, गांधीनगर। शराबबंदी के बावजूद गुजरात में शराब पीने व बेचने के मामले सामने आ रहे हैं। कुछ शहरों में युवाओं को ड्रग्स की सप्लाई और महिलाओं द्वारा गांजा बेचा जा रहा है। ऐसे में बच्चों को नशे व धूम्रपान की लत से दूर रखने के लिए अहमदाबाद के बावरी कॉलोनी में कुछ महिलाओं ने एकजुट होकर आवाज बुलंद की है। महिलाओं का कहना है कि वे नशा करने वाले और शराब पीने वालों से परेशान हैं। ऐसी चीजों ने परिवारों के जीवन को तबाह किया है, लिहाजा वे डटकर विरोध करेंगी।
विरोध-प्रदर्शन कर रही एक महिला ने कहा, शराब औऱ गांजे की लत बच्चों को भी लग गई है। इस कॉलोनी के 10 से 12 साल के बच्चे भी नशा करने लगे हैं। इस तरह बच्चे और मर्द दिनभर में कमाए रुपयो को शराब, गांजे या ड्रग्स में उड़ा देते हैं। एक महिला लक्ष्मीबाई के पति और बेटे को नशे की लत लग गई थी। दोनों को नशे से छुडवाने के लिये लक्ष्मीबाई ने काफी प्रयास किये, लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरकार पति औऱ बच्चे को लक्ष्मीबाई ने गवां दिया। दोनों की मौत हो चुकी है। उनके परिवार में जो हुआ वह किसी दूसरे परिवार में न हो इसलिये लक्ष्मीबाई ने नशे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। लक्ष्मीबाई ने अन्य महिलाओं को भी अपने नशा-विरोधी अभियान में शामिल कर लिया है।
पता चला है कि बावरी कॉलोनी में जब भी पुलिस की रेड पडती है, तब पुलिस शराबियों को पकडकर जेल में डाल देती है, लेकिन शराब बेचने वालों पर कोई दंडात्मक कार्यवाई नहीं होती है। शराबियों के पकड़े जाने पर उन्हें छुड़ाने के लिए बावरी के परिवारों को काफी रुपये खर्च करने पड़ जाते हैं। ऐसे में महिलाओं ने निश्चय किया है कि, हमारी कॉलोनी में नशा नहीं होना चाहिये।
अंदाज है कि इस कॉलोनी में 50 प्रतिशत लोग शराब या नशे का सेवन करते हैं। आश्चर्य इस बात का है कि जिनको नशे की आदत हो चुकी है, उनमें ज्यादातर 10 से 12 साल के बच्चें हैं। बच्चों को नशे से बचाने के लिये इन महिलाओं ने बीड़ा उठाया है।