आतंकी मोहम्मद युसूफ 6 दिन के रिमांड पर, 15 साल तक रहा सऊदी अरब में, लाखों का फंड जुटाया
अहमदाबाद। गुजरात में 15 साल बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हत्थे चढ़े आतंकी मोहम्मद युसूफ वहाब को कोर्ट ने 6 दिन के रिमांड पर भेज दिया है। सुरक्षा एजेंसी एवं जांच अधिकारी की ओर से वहाब के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी थी। मगर, विशेष न्यायालय के जज एम.के. दवे ने 6 दिन का रिमांड देने का आदेश दिया है। वहाब 2002 में गुजरात में हुए दंगों के बाद पकिस्तानी आतंकियों को मदद देने में जुटा था। 2003 में उसके द्वारा जिहाद के नाम से भेजे गए 3 लाख रुपए से विस्फोटक खरीदे गए थे। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की तो वह सऊदी अरब भाग गया था। सऊदी अरब में वह 15 साल तक रहा। बाद में हिंदुस्तान लौट आया।
अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हत्थे चढ़ा था युसूफ वहाब
बीते दिनों वह फिर कहीं बाहर भागने की फिराक में था। मगर, एयरपोर्ट पर एटीएस के दस्ते ने उसे दबोच लिया। जांच अधिकारी ने बताया कि वहाब वांटेड है, इसके बाद भी 2016 में उसका पासपोर्ट रिन्यू हुआ था। वहाब ने टेरर फंडिंग कर आतंकियों को 3 लाख रुपए की मदद की थी। इतना ही नहीं, वह जेहादी षड्यंत्र के नाम से सॉफ्ट टार्गेट युवकों को आतंक का पाठ पढ़ाने वालों में शामिल था। उसने कई आतंकी संगठनों की आर्थिक मदद की। साथ ही वह कुछ स्लीपर सेल से भी जुड़ा हुआ था।
15 साल अरब में रहा, आतंकियों के लिए 3 लाख का फंड जुटाया
जांच अधिकारी के मुताबिक, गोधरा में दंगे 2002 में हुए थे, तब कई लोगों को जेहाद के नाम पर पाकिस्तान द्वारा संचालित आतंकी केम्प में भेजा गया था। इनका उद्देश्य भारत में सक्रिय स्लीपर सेल की मदद करना था। इसी बीच खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर वर्ष 2003 में वहाब शेख समेत 82 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। जिनमें से 12 आरोपी अभी भी पकड़े नहीं जा सके हैं। कई आतंकी विदेश भाग निकले। जबकि, वहाब शेख भी अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचकर कहीं भागने की फिराक में था।
जैश और लश्कर की मदद कर रहा था
वहाब शेख का नाम हिंदू नेताओं की हत्या की साजिश रचने के अलावा हरेन पंड्या, जयदीप पटेल पर हुए हमलों में भी आया था। यह पाया गया कि वहाब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की मदद कर रहा था। 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर एयरस्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ठिकाने को तबाह कर दिया था। इस एयरस्ट्राइक में करीब 250 आतंकी मारे गए।
गुजरात से होते हुए दक्षिणी राज्यों में पहुंच सकते हैं आतंकी
इससे पहले खुफिया एजेंसियों ने 30 अगस्त को भी पाकिस्तानी आतंकियों और कमांडो के समुद्री रास्ते से गुजरात में घुसपैठ करने का अलर्ट जारी किया था। जिसके मद्देनजर गुरुवार को कच्छ जिले के कांडला और अदाणी समूह के मुंद्रा बंदरगाह पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। इंडियन कोस्टगार्ड्स को भी इनपुट मिला था कि पाकिस्तान ऑपरेटिव्स देश में आतंकी हमले को अंजाम दे सकते हैं। बता दें कि, दुश्मन ने गुजरात के पास सर क्रीक क्षेत्र में एसएसजी कमांडो तैनात किए हुए हैं। एसएसजी कमांडो की यह तैनाती जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हुई। बौखलाया पाकिस्तान भारत पर हमले करा सकता है।
56 निर्जन टापूओं से भी घुसपैठ का खतरा
राज्य की समुद्री सीमा के 56 निर्जन टापुओं पर भी भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा सख्त निगरानी की जा रही है। ये वे टापू हैं, जो आतंकियों की घुसपैठ के लिए सॉफ्ट टार्गेट हैं। अब से पहले भी इन टापुओं का दुरुपयोग अपराध के लिए हो चुका है। ऐसे में समुद्र के इन सुनसान टापुओं पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। इनमें से कई टापू पानी में डूब गए हैं, वहां भी सिक्योरटी फोर्सेस पेट्रोलिंग कर रही हैं।
इन टापुओं से पहले भी हुई घुसपैठ
गुजरात का समुद्र तट 1600 कि.मी. लम्बा है। इसके किनारों में 56 निर्जन टापू हैं। बताया जाता है कि मुम्बई में 1993 में हुए सीरियल बम ब्लॉस्ट में जो हथियार पहुंचाए गए थे, वो यहीं से होकर गए। आतंकियों ने पोरबंदर के पास गोसाबारा में हथियार उतरवाए थे। तब से ये टापू सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। पाकिस्तान मरीन सिक्योरटी लगातार घुसपैठ की कोशिश करती रही है।
घुसपैठ कराने के लिए पाक ने 100 कमांडो भेजे
पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना ने सर क्रीक क्षेत्र में एसएसजी कमांडो तैनात कर दिए। इन कमांडोज की संख्या 100 बताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि ये कमांडो भारत के खिलाफ रची जा रही साजिशों में आतंकियों को कवर दे सकते हैं।
मुंद्रा एयरपोर्ट पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही
अगस्त में खुफिया एजेंसियों ने पाक के आतंकियों और कमांडो दोनों को लेकर अलर्ट जारी किया था। अलर्ट जारी किए जाने के चलते कच्छ जिले के कांडला और अदाणी समूह के मुंद्रा एयरपोर्ट पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (बॉर्डर रेंज) बी वाघेला का कहना है कि खुफिया एजेंसियों से उन्हें भी आतंकवादियों के बारे में इनपुट मिले हैं। इसे देखते हुए कच्छ जिले में चौकसी बढ़ा दी गई है।
पाक प्रशिक्षित कमांडो भी घुस सकते हैं
इंटेलीजेंस इनपुट में आशंका जताई गई है कि पाकिस्तान के प्रशिक्षित एसएसजी कमांडो या आतंकवादी छोटी नौकाओं का उपयोग करके कच्छ की खाड़ी और सर क्रीक क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे। ऐसे में राज्य के दो मुख्य बंदरगाह, कांडला और मुंद्रा में हाई अलर्ट घोषित किया जा चुका है। पिछले दिनों भारतीय नौसेना के अध्यक्ष ने कहा भी था कि पाक परस्त आतंकी इस बार समुद्र के अंदर से वार कर सकते हैं। पानी के भीतर से हमलों को अंजाम देने के लिए देश के दुश्मन अरसे से जुटे हैं।
कच्छ में 'क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो' कर रहे सुरक्षा
बीएसएफ ने कच्छ के सरक्रीक क्षेत्र में अब नए तरह के कमांडो तैनात किए हैं। ये कमांडो हैं 'क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो'। इन कमांडोज की टीम कच्छ में हरामी नाला के 22 किलोमीटर खंड के पास तैनात की गई है।
''हमले को नाकाम कर सकते हैं''
बीएसएफ के एक सीनियर आॅफिसर के मुताबिक, सरक्रीक जैसे क्षेत्र में पाकिस्तानी बोट्स देखी जा चुकी हैं। यहां गश्त करना काफी मुश्किल है। ऐसे में एटीवी को सीमा क्षेत्र में सीमा चौकियों पर तैनात किया गया है। ये कमांडो पानी और जमीन पर लड़ाई में अच्छी तरह से प्रशिक्षित होते हैं और सीमा पार से किसी भी हमले को नाकाम कर सकते हैं।
गुजरात पुलिस भी चौबीसों घंटे गश्त कर रही
गुजरात पुलिस ने भी समुद्र तट पर अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है और समुद्री पुलिस ने चौबीसों घंटे गश्त शुरू कर दी है। एटीएस के अधिकारी, जिन्हें हाल ही में तटीय सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है उन्होंने कहा, हम लगातार सतर्कता बरत रहे हैं। यह सच है कि पाकिस्तान हमले की फिराक मे हैं। वह सीधे हमला नहीं कर पाएगा, तो आतंक का सहारा लेता है।'
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