बलात्कार के आरोपी से 35 लाख रुपए रिश्वत लेती पकड़ी गईं PSI श्वेता जाडेजा को हाईकोर्ट से जमानत
अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी से कथित तौर पर 35 लाख रुपए रिश्वत लेती पकड़ी गई पीएसआई श्वेता जाडेजा को जमानत दे दी है। इससे पहले निचली अदालत ने श्वेता की जमानत खारिज कर दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, श्वेता के वकील विराट पोपट ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील देते हुए कहा था कि श्वेता के मामले में पुलिस ने आरोप पत्र दायर कर दिया है और अब जांच की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है। इतना ही नहीं, उनकी मुवक्किल पुलिस को पूरा सहयोग करने के लिये तैयार है और उनके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं है।'
ज्ञातव्य है कि, अहमदाबाद पुलिस द्वारा स्थानीय कारोबारी के खिलाफ दायर दुष्कर्म के मामले में आरोपियों के खिलाफ पासा के तहत कार्रवाई में ढिलाई बरतने के लिये 35 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में विगत 6 जुलाई को श्वेता जाड़ेजा को उनके पद से निलंबित कर दिया गया था। आरोपियों की ओर से श्वेता के खिलाफ शिकायत कर दी गई थी, जिसके बाद श्वेता के निलंबन की कार्रवाई हुई। वहीं, श्वेता ने कहा कि मैंने रिश्वत नहीं मांंगी। एक पुलिस अधिकारी ने श्वेता के बारे में बताते हुए कहा कि, श्वेता जाडेजा साल 2016-17 बैच की पीएसआई अधिकारी हैं। वह महिला वेस्ट पुलिस थाने की प्रभारी के तौर पर तैनात थीं।
जुलाई के महीने में केनल शाह नाम के शख्स के खिलाफ रेप के मामले में एफआईआर दर्ज कराया गया था। उस मामले की जांच-पड़ताल श्वेता जाडेजा ही कर रही थीं। कुछ समय पहले उन्होंने कथित तौर पर शाह को फोन किया और प्रिवेंशन ऑफ ऐंटी-सोशल एक्टिविटीज (पीएएसए) के तहत जेल में डाल देने की धमकी देते हुए कहा कि 35 लाख दोगे तो बच जाओगे। फिर, आरोपी की हां के बाद दोनों पक्ष 20 लाख रुपये पर राजी हुए। बाद में यह खबर सामने आ गई कि, बलात्कार के आरोपी से एक बिचौलिए के माध्यम से श्वेता ने 20 लाख रुपए लिए हैं। वहीं, बाकी बचे 15 लाख के लिए दबाव बनाने पर आरोपी केनल ने क्राइम ब्रांच में श्वेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी। जिसके बाद श्वेता को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।