फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के लिए गुजरात में शुरू हुई ‘पुलिस की पाठशाला’, 200 बच्चों की व्यवस्था
अहमदाबाद। गुजरात में ट्रैफिक पुलिस फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के लिए खास 'पाठशाला' चला रही है। इन पाठशालाओं में गरीब और जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। साथ ही बच्चों के लिए मुफ्त में भोजन का भी प्रबंध किया जाता है। इस पहल को शुरू हुए डेढ़ साल हो गया है। लोग इस पहल को 'पुलिस की पाठशाला' कहते हैं। 'पुलिस की पाठशाला' के अहमदाबाद में तीन सेंटर चल रहे हैं।
अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस के एसीपी अंकित पटेल के मुताबिक, तीनों सेंटर्स में कम से कम 200 बच्चे पढ़ रहे हैं। इन बच्चों को शिक्षा यहां दी जाती है, जबकि इनका नामांकन स्कूलों में रहता है। इस पाठशाला का मकसद है कि बेसहारा बच्चे भी पढ़ सकें। बच्चे अपराध से न जुड़ पाएं, इससे पहले ही उन्हें शिक्षा से जोड़ दिया जाए। अंकित ने यह भी कहा कि सेंटर्स पर बच्चे बेसिक शिक्षा हासिल करते हैं। पुलिस आयुक्त ए.के. सिंह भी इन बच्चों से मिल चुके हैं।
इधर,
जज
ने
गोद
ली
बच्ची
कुछ
दिन
पहले
ही
गुजरात
में
आणंद
जिले
में
जिला
विकास
अधिकारी
(डीडीओ)
अमित
प्रकाश
यादव
और
उनकी
पत्नी
एडीशनल
चीफ
ज्यूडीशियल
मजिस्ट्रेट
चित्रा
रत्नू
ने
एक
गरीब
की
बच्ची
को
गोद
ले
लिया।
बच्ची
को
जन्म
देने
के
बाद
महिला
की
मौत
हो
गई
थी।
मां
का
दूध
नहीं
मिल
पाने
की
वजह
से
वह
बच्ची
14
घंटे
तक
भूख
से
तड़पती
रही।
बाद
में
उसकी
जानकारी
चित्रा
रत्नू
को
हुई।
चित्रा
और
उसके
पति
दोनों
बच्ची
के
पास
पहुंचे।
चित्रा
रत्नू
ने
अस्पताल
में
बच्ची
को
पहले
स्तनपान
कराया
फिर,
पति
की
सहमति
से
उसे
गोद
भी
ले
लिया।
इस
तरह
बच्ची
को
मजिस्ट्रेट
माता,
डीडीओ
पिता
मिल
गया।
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