बढ़ी तेल की कीमतों के सवाल पर निर्मला सीतारमण बोलीं-यह एक धर्मसंकट है
अहमदाबाद। तेल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर है। कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के करीब पहुंच गई है। तेल की बढ़ती कीमतों के बाद लोग सरकार से लगातार सवाल कर रहे हैं। ऐसे ही सवालों का सामना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अहमबाद के एक कार्यक्रम में करना पड़ा है। लेकिन निर्मला सीतारमण इस सवाल का गोलमोल जवाब देते हुईं दिखीं।
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अहमदाबाद में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे पूछा गया कि तेल की बढ़ती कीमतों पर सरकार लगाम कब लगाएगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''कब होगा... इसके बारे में मैं कह नहीं सकती। अभी इस पर कुछ भी कहना धर्म संकट की तरह है। वहीं वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट को लेकर कहा, यह नये दशक का बजट है। यह बजट साफ तौर पर कहता है...हम निजी क्षेत्र पर भरोसा करते हैं और देश के विकास में भागदारी के लिये आपका स्वागत है।
वहीं तेल की कीमतों पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि तेल उत्पादक देशों द्वारा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण देश में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स महंगे हो रहे हैं। अपने देश के हित में अधिक लाभ कमाने के लिए, कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले देश कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले देशों से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी न करने का अनुरोध किया गया है क्योंकि इसका प्रभाव सीधे उपभोक्ता पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि उनको अपने देश के हित में बढ़ोतरी कर रहे हैं।
#WATCH | "I won't be able to say 'when'.. it is a ‘dharam sankat’ (dilemma)...," says Finance Minister Nirmala Sitharaman in Ahmedabad, after being asked when would the Central Government reduce fuel prices pic.twitter.com/Mnpn76I2xR
— ANI (@ANI) February 25, 2021
देश के स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि, भारत जैसे देश में ये संभव नहीं है लेकिनहमें हेल्थ सेक्टर के बुनियादी ढांचे में निवेश करना होगा। यह बजट ना केवल अधिक एम्स जैसे अस्पतालों पर बल्कि गैर-एम्स जैसे लोगों पर भी केंद्रित था। सुपर-स्पेशलिटी के अलावा, आपको प्राथमिक / तृतीयक हेल्थकेयर केंद्रों की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस बजट में हमने साफ किया है कि सरकार क्या कर सकती है या किस हद तक कर सकती है...इसीलिए यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को एक दिशात्मक बदलाव देता है।
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