26/11 हमला: जिस बोट चालक को मारकर मुंबई में घुसे थे आतंकी, उसके परिजनों को अब मिला मुआवजा
मुंबई/अहमदाबाद। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले को 11 साल बीत गए हैं। पाकिस्तानी आतंकियों ने समुद्र से होते हुए मुंबई में प्रवेश किया था। इसके लिए उन्होंने गुजरात की कुबेर बोट के चालक को मारकर बोट कब्जाई थी। उसी बोट के जरिए उन आतंकियों ने समुद्र पार किया था। अब उस बोट के चालक रमेश बांमणिया के परिजनों को राज्य सरकार ने मुआवजा दिया है। रूपाणी सरकार उस परिवार को 5 लाख की मदद देगी। उस परिवार ने अपने एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी गुहार लगाई है।
11 साल पहले आतंकियों ने मछुआरों को भी मारा था
वर्ष 2008 में 25 नवंबर को रमेश बांमणिया जब सौराष्ट्र के समुद्र में थे, उसी दौरान पाकिस्तान की ओर से आए आतंकियों ने उन्हें बंधक बनाया। रमेश बांमणिया की कुबेर बोट को कब्जे में ले लिया गया। उस बोट पर तब रमेश बांमणिया समेत पांच मछुआरे सवार थे। आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था। कई दिनों बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने कुबेर बोट बरामद की, जिसमें रमेश बांमणिया की लाश मिली। हालांकि, अन्य लोगों की लाशों का कोई पता नहीं चला था। आतंकियों ने बाकी मछुआरों को मारकर समुद्र में ही फेंक दिया था।
नाविक के परिजनों को अब सरकार ने मुआवजा दिया
रमेश बांमणिया की मौत के बाद उसके परिवार ने सरकार से मुआवजे की मांग की। रमेश बांमणिया की पत्नी ने गुजरात सरकार के विभागों में कई साल चक्कर काटे। बाद में उन्होंने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। अब सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया है।
हमले में 166 से ज्यादा लोग मारे गए थे
पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई के कई स्थानों पर हमला किया था। 166 से ज्यादा लोग मारे गए थे। आतंकियों से लोहा लेते हुए 17 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए थे। इसके अलावा डेढ़ सौ से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए थे। सुरक्षाकर्मियों ने आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला किया और कुल 10 में से 9 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया।
2012 में 10वें आतंकी को फांसी दी गई
10वां आतंकी अजमल कसाब था, जिसे जिंदा पकड़ा गया। मुंबई को आतंकियों से मुक्त कराने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने 60 घंटे तक ऑपरेशन चलाया था। हमले के 4 साल बाद कसाब को 21 नवंबर 2012 की सुबह फांसी दे दी गई।
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