अहमदाबाद न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

भगवान जगन्नाथ की 142वीं रथयात्रा शुरू, 25000 जवान कर रहे सुरक्षा, PM मोदी ने भेजा प्रसाद, देखें

Google Oneindia News

अहमदाबाद। भगवान जगन्नाथ की 142वीं रथयात्रा का अहमदाबाद में गुरुवार को आगाज हो गया। यह प्रसिद्ध रथ यात्रा 16 हाथी, 1200 रथ खींचने वाले नाविकों, 101 ट्रकों और 2 हजार से ज्यादा संतों की मौजूदगी में शुरू हुई। इस रथयात्रा की सुरक्षा के लिए गुजरात में पुलिस के 25,000 जवान तैनात किए गए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस यात्रा के लिए देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। जहां अमित शाह पिछले 16 सालों से परिजनों संग इस यात्रा के जरिए जगन्नाथजी मंदिर के दर्शन करते रहे हैं, वहीं मोदी हर बार प्रसाद भिजवाते रहे हैं। इस बार भी उन्होंने कई तरह के फलों का प्रसाद भिजवाया। भगवान के भोग एवं भक्तगणों के लिए इस बार 30 हजार किलो मग, 500 किलो जामुन, 100 किलो ककड़ी और 300 किलो आम का प्रसाद बनवाया गया है।

मुख्यमंत्री ने रथ खींचकर कराया प्रस्थान

मुख्यमंत्री ने रथ खींचकर कराया प्रस्थान

संवाददाता के अनुसार, सुबह में मंगला आरती के बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा ने नगरचर्या पर प्रस्थान किया। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने खुद रथ को खींचकर रवाना किया। अब देर शाम भगवान का रथ निज मंदिर पहुंचेगा। इस यात्रा में सांप्रदायिक सौहार्द एवं भाईचारे के भावनात्मक दृश्य दिखाई दे रहे हैं। राज्य और देशभर से लाखों भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए गुजरात पहुंचे हैं। मंगला आरती के समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने परिवार के साथ शामिल हुए और पूजा विधि पूरी की। केंद्रीय गृहमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने अपनी आस्था में कमी नहीं आने दी।

सिक्योरटी गार्ड्स की गाड़ियां शामिल नहीं हुईं

सिक्योरटी गार्ड्स की गाड़ियां शामिल नहीं हुईं

खास बात यह भी रही कि रथ यात्रा में इस बार पुलिस-सिक्योरटी गार्ड्स की गाड़ियां शामिल नहीं हुईं। सुबह इस रथ की लंबाई 400 मीटर देखी गई। यह यात्रा जब भी निकली, उसी साल राज्य के मुख्यमंत्री ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में पहिंद विधि की। पहले मोदी करते थे, पिछले तीन साल के यह मौका विजय ​रुपाणी को मिल रहा है। हालांकि, हर साल की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान के लिये प्रसाद भेजा है। जिसमें उन्होंने मिठाई, चॉकलेट, जामुन, मग भिजवाए।

बारिश ने किया भगवान जगन्नाथ का स्वागत

बारिश ने किया भगवान जगन्नाथ का स्वागत

रथ यात्रा जब शुरू हुई, गुजरात में तब बारिश होने लगी। अहमदाबाद में जमालपुर समेत कई इलाकों में बौछारें देखने को मिली। पिछले कुछ समय से अहमदाबाद में बारिश नहीं होने की वजह से नगरजन परेशान थे, लेकिन रथयात्रा के दिन सुबह में बौंछारें पडीं। भक्तजन भी खुश हो गए और भरी बरसात में रथयात्रा में शामिल होते चले गए। माना जाता है कि अगर रथ यात्रा पर बारिश होती है, तो उस साल बारिश अच्छी होती है।

लगे जय रणछोड, माखन चोर के नारे

लगे जय रणछोड, माखन चोर के नारे

मंगला आरती के बाद, भगवान जगन्नाथ की आँखों से पटरियाँ को खोल दिया गया, तब जय रणछोड़, माखन चोर... के नारे से भगवान का स्वागत किया गया। भगवान जगन्नाथ के साथ बहन सुभद्राजी और भाई बेलभद्र की आँखों से पटरियाँ खोली दी गईं। भगवान की नगरचर्या के साथ भक्तों उत्साह देखने को मिला। शहर में घूमने के बाद रथ यात्रा देर शाम मंदिर लौट आएगी।

सोने की झाड़ू से साफ किया गया रास्ता

सोने की झाड़ू से साफ किया गया रास्ता

भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा के रवाना होने से पहले रास्ते को सोने के झाड़ू से साफ किया गया। एक संत ने पुरी स्थित मंदिर की चर्चा की। उन्होंने बताया कि भगवान अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर गुंडीचा मंदिर अपनी मौसी के घर जाएंगे, जहां वे तीनों 7 दिनों तक विश्राम करेंगे। 9 दिनों तक चलने वाली यह रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडीचा मंदिर तक जाती है और फिर वहां से जगन्नाथ मंदिर वापस आती है। जगन्नाथ-पुरी हिन्दुओं के पवित्र चार धामों में से एक है।

ऐसा है भगवान जगन्नाथ का धाम

ऐसा है भगवान जगन्नाथ का धाम

उड़ीसा में पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर 400,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। इस विशाल मंदिर के शिखर पर चक्र और ध्वज स्थित हैं, जिनका खास महत्व है। इस मंदिर पर दिखने वाला गोला सुदर्शन चक्र का और लाल ध्वज भगवान जगन्नाथ के मंदिर के अंदर विराजमान होने का प्रतीक है। अष्टधातु से निर्मित इस चक्र को नीलचक्र भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी या विमान नहीं उड़ पाता है।

कभी कम नहीं पड़ता यहां भक्तों के लिए प्रसाद

कभी कम नहीं पड़ता यहां भक्तों के लिए प्रसाद

मंदिर की एक विशेषता यह भी बताई जाती है कि यहां भक्तों के लिए बनने वाला प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता है। जगन्नाथ पुरी में सालभर सामान्य मात्रा में ही प्रसाद बनाया जाता है, लेकिन भक्तों की संख्या हजार या लाख, प्रसाद किसी को कम नहीं पड़ता। एक संत ने यह भी कहा कि मंदिर के कपाट बंद होते हैं तो बचा हुआ प्रसाद भी खत्म हो जाता है।

हमेशा हवा के विपरीत लहराता है ध्वज

हमेशा हवा के विपरीत लहराता है ध्वज

हैरान करने वाली बात यह है कि इस मंदिर मंदिर के शीर्ष पर लगा ध्वज हमेशा हवा के विपरीत लहराता है। आप जगन्नाथ पुरी में कहीं से भी मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देख सकते हैं।

यह भी पढ़ें: गुजरात के 2 छात्रों को आया आइडिया, मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से बनाते हैं खाद और अगरबत्ती, बिल्कुल नहीं होती गंदगीयह भी पढ़ें: गुजरात के 2 छात्रों को आया आइडिया, मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से बनाते हैं खाद और अगरबत्ती, बिल्कुल नहीं होती गंदगी

रसोईघर में एक के ऊपर एक 7 बर्तन रखे जाते हैं

रसोईघर में एक के ऊपर एक 7 बर्तन रखे जाते हैं

इस मंदिर के रसोईघर में चूल्हे पर एक के ऊपर एक 7 बर्तन रखे जाते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि भोजन पहले सबसे ऊपर वाले बर्तन का पकता है। मंदिर में भोजन और प्रसाद की व्यवस्था के लिए 500 रसोइए अपने 300 सहयोगी तैनात रहते हैं।

यह भी पढ़ें: टूरिज्म को बढ़ाने के लिए शुरू होगा 'Cow circuit', गुजरात समेत देशभर में बनेंगे 400 गौ-पर्यटन केंद्रयह भी पढ़ें: टूरिज्म को बढ़ाने के लिए शुरू होगा 'Cow circuit', गुजरात समेत देशभर में बनेंगे 400 गौ-पर्यटन केंद्र

वैष्णव सम्प्रदाय के शीर्ष मंदिरों में से एक है ये मंदिर

वैष्णव सम्प्रदाय के शीर्ष मंदिरों में से एक है ये मंदिर

यह मंदिर वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख मंदिरों में से एक है। भगवान विष्णु के 22वें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। श्रीकृष्ण को ही उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ के रूप में जाना जाता है। वे इस मंदिर में अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं।

PHOTOS: पहली बार गुजरात की 2 बहनों ने एवरेस्ट किया फतह, -40°C में तिरंगा फहराकर लौटींPHOTOS: पहली बार गुजरात की 2 बहनों ने एवरेस्ट किया फतह, -40°C में तिरंगा फहराकर लौटीं

यहां एक सप्ताह रहने के लिए जाते हैं जगन्नाथ

यहां एक सप्ताह रहने के लिए जाते हैं जगन्नाथ

मान्यता हैं कि भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर गुंडिचा देवी का मंदिर है, जहां श्री जगन्नाथ भगवान हर साल एक सप्ताह रहने के लिए जाते हैं। यह रथयात्रा उसी का हिस्सा मानी जाती है।

यह भी पढ़ें: गुजरात पर मानसून मेहरबान, नदी-तालाब उफान पर, देखें कैसे झर-झर बह रहा है Gira Fallsयह भी पढ़ें: गुजरात पर मानसून मेहरबान, नदी-तालाब उफान पर, देखें कैसे झर-झर बह रहा है Gira Falls

Comments
English summary
Photos: Jagannath Rath Yatra 2019 starts, PM Modi and amit shah wishes to people
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X