गुजरात: महिला के पेट में गर्भाशय के बजाय आंत के ऊपर पला शिशु, डॉक्टरों ने सेफ डिलीवरी कराई
अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में एब्डॉमिनल प्रेग्नेंसी का अनोखा मामला सामने आया है। यहां सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने एक ऐसे बच्चे का सुरक्षित जन्म करवाया, जो अपनी मां के गर्भाशय के बजाय आंत के ऊपर पल रहा था। गर्भ में सामान्य रूप से विकसित होने के बजाय वह पेट में बड़ी आंत के ऊपर विकसित होता रहा। उक्त महिला के प्रेग्नेंट होने के सात महीने बाद जब महिला को दर्द उठा, तो अब उसका सीजेरियन ऑपरेशन किया गया। बच्चे के जन्म के बाद सबने राहत की सांस ली।
संवाददाता को डॉक्टरों ने बताया कि, ऐसा अनोखा मामला लाखाें में एक होता है। सामान्य रूप से अंडाणु और शुक्राणु दोनों अंडवाहिनी (फेलोपियन ट्यूब) में साथ मिलकर गर्भ बनाते हैं। यह 2 से 5 दिनों में गर्भाशय तक पहुंचता है और 9 महीनों तक बच्चे का विकास होता है। लेकिन, इस बच्चे के साथ ऐसा नहीं हुआ। इस मामले में ऐसा हुआ कि, संपूर्ण प्लेसेंटा महिला के पेट में गर्भाशय के बाहर आ गया था और बच्चा भी गर्भाशय के बाहर विकसित होते रहा। वहीं डॉक्टरों को किसी महिला के सामान्य प्रसव (सीजेरियन) के दौरान 20 मिनट लगते हैं, लेकिन इस ऑपरेशन में करीब 3 घंटे का वक्त लग गया।
सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. तेजस दवे और डॉ. जिज्ञा दवे के मुताबिक, गुजरात में इस तरह का मामला सामने आने पर अब केस स्टडी को मेडिकल जर्नल में भेजा जाएगा। इस मामले की खास बात यह रही है कि, बच्चा गर्भ की बजाय पेट में रहकर भी सुरक्षित रहा। जो कि, गर्भाशय की दीवार तोड़कर गर्भ बड़ी आंत से जाकर चिपक गया था।
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अस्पताल के प्रसूति विभाग के प्रमुख डॉ. एयू मेहता ने कहा कि, हमारी 30 साल की सेवा के दौरान ऐसा दूसरा केस देखने को मिला है, जब बच्चा गर्भ की बजाय पेट में रहकर भी सुरक्षित रहा हो। ऐसा होने का कारण बताते हुए डॉक्टर ने कहा कि, ज्यादा गर्भनिरोधक लेने या संक्रमण से भी ऐसा हो सकता है। इसके अलावा फेलोपियन ट्यूब में टीबी का संक्रमण या पेट के निचले हिस्से में संक्रमण होना भी इसका कारण हो सकता है। तो पहले कभी फेलोपियन ट्यूब सर्जरी या कोई एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हुई हो उसके साथ भी ऐसा होना संभव है।