गुजरात: अभिभावकों की असमर्थता के बीच 146 प्राइवेट स्कूलों ने माफ किए फीस के 30 करोड़ रु.
अहमदाबाद। कोरोना महामारी के चलते ठप हुई स्कूल व्यवस्था एवं रुकी पढ़ाई पर स्कूल संचालकों एवं विद्यार्थियों के अभिभावकों के बीच गुजरात में लगातार बहसबाजी चलती रही। अभिभावक जहां स्कूल फीस चुकाने को लेकर चिंतित थे, वहीं स्कूल संचालक फीस वसूली करना चाहते थे। अब स्कूलों से जुड़े एक बड़े संगठन का दावा है कि, राज्य में 146 प्राइवेट स्कूलों ने 30 करोड़ रुपए फीस माफ कर दी है।
इस माह अस्तित्व में आए नए संगठन राष्ट्रीय स्वनिर्भर शाला संचालक महासंघ की ओर से कहा गया कि, काफी स्कूल कोरोना काल के दौरान फीस माफी को तैयार हो गए हैं। अभिभावकों के लिए यह बहु-प्रतीक्षित राहत है, जो कि स्वयं निजी स्कूलों संस्थान से ही मिली है। नए संगठन राष्ट्रीय स्वनिर्भर शाला संचालक महासंघ की ओर से कहा गया कि, हाल ही 20 स्कूलों द्वारा फीस माफी की गई है। इन स्कूलों ने 20 से 100 फीसदी तक फीस माफी का दावा किया। बताया जा रहा है कि, अब तक कुल 146 निजी स्कूलों ने फीस के करीब 30 करोड़ माफ भी कर दिए हैं।
वहीं, स्वनिर्भर शाला संचालक मंडल के प्रवक्ता दीपक राजगुरू ने नए संगठन पर सवाल उठाते हुए स्कूलों से कहा है कि इनके झांसे में ना आएं। बता दें कि, स्वनिर्भर शाला संचालक मंडल सहित ज्यादातर निजी स्कूल फीस वसूली को जायज बताते हुए अड़े हुए थे। छह महीने से संघर्षरत अभिभावकों का कहना है कि राज्य सरकार कई आदेश जारी कर चुकी है। अब तक शहर में निजी स्कूलों के दो संगठन होने के बावजूद फीस लेने मुद्दे पर दो राय नहीं थी। तभी तो राज्य सरकार के निर्देश भी बेमाने साबित हो गए। हाईकोर्ट का फैसला आने तक अभिभावकों को भी राहत की उम्मीद नहीं थी, पर राष्ट्रीय स्वनिर्भर शाला संचालक महासंघ ने फीस माफ कर दिए जाने का दावा किया है।