गुजरात का ड्रीम पेसिफिक घोटाला: कानून के हाथ बंधे, पीड़ितों को वापस नहीं मिल पाएगा पैसा?
Gujarat News, अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद के नवरंगपुरा में ड्रीम पेसिफिक विजन नाम से बनी कंपनी द्वारा किए गए घोटाले में पीड़ितों को न्याय मिलना मुश्किल है। इसकी वजह है राज्य में जीपीआईडी (GPID) कानून का लागू होना, जिसकी जद में 'ड्रीम पेसिफिक' जैसे स्कैम नहीं आते। ऐसे में अब पीड़ितों का पैसा भी शायद ही वापस हो पाए।
अहमदाबाद
में
हुई
थी
ठगी
बता
दें
कि
7
अगस्त
2018
से
दिसंबर
2018
के
दौरान
अहमदाबाद
में
सीजी
रोड
पर
टाइम
स्क्वेयर
इमारत
में
ड्रीम
पेसिफिक
विजन
नाम
से
कंपनी
खोली
गई
थी।
उसमें
निवेश
करने
वाले
लोगों
को
निवेश
की
गई
राशि
चंद
समय
में
ही
दो
गुना
करके
देने
का
लालच
दिया
जाता।
कंपनी
में
प्रेमकुमार
उर्फ
मुकेश
कटारा,
ओमप्रकाश
तोमर,
छनाजी
ठाकोर
नाम
के
शख्स
निदेशक
एवं
प्रमोटर
थे।
राशि
दो
गुना
करके
देने
का
षडयंत्र
रचकर
इन्होंने
ने
बहुत
से
लोगों
से
करोड़ों
रुपए
की
राशि
वसूली।
पीड़ितों की शिकायत पर नवरंगपुरा पुलिस ने ड्रीम पैसिफिक के कंपनी व उससे जुड़े सभी लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया। सभी पर लोगों से लाखों रुपये का निवेश करवाकर उनके साथ धोखाधड़ी किए जाने का मामला दर्ज किया गया। मगर, पुलिस कार्रवाई कैसे करे, जब जीपीआईडी (GPID) कानून ऐसे मामले में लागू ही नहीं होता। आश्रम रोड स्थित एस.एम.आर.एम. कंपनी जीपीआईडी अधिनियम के दायरे से बाहर हैं।
क्यों
और
कैसे
लागू
होता
है
जीपीआईडी
(GPID)
कानून
निवेशकों
के
हित
में,
गुजरात
सरकार
ने
2003
में
GPID
(गुजरात
प्रोटेक्शन
ऑफ
इंटरेस्ट
ऑफ
डिपॉजिटर्स)
का
कानून
बनाया
था।
इस
कानून
के
तहत
अगर
लोगों
के
साथ
निवेश
कराने
वाली
कंपनी
उन्हें
धोखा
दे
रही
है,
तो
कंपनी
की
अचल
संपत्ति
और
चल
संपत्ति
जब्त
की
जा
सकती
है।
संपत्ति
की
नीलामी
की
जा
सकती
है
और
जमाकर्ताओं
को
धन
मुहैया
कराने
का
प्रावधान
किया
जा
सकता
है।
अहमदाबाद
में
नहीं
चला
कानून?
जीपीआईडी
अधिनियम
के
प्रावधानों
के
अनुसार,
घोटालेबाज
कंपनी/व्यक्ति
की
संपत्ति
की
बिक्री
कर
उस
रकम
को
उन
निवेशकों
को
प्रदान
की
जाती
है,
जिन्होंने
अपना
पैसा
खो
दिया
है।
मगर,
अहमदाबाद
में
इस
कानून
के
लिए
रुकावटें
हैं।
जबकि,
अहमदाबाद
बहु
चर्चित
आश्रम
रोड
पर
स्थित
एसएमआरएम
के
प्रबंध
निदेशक
प्रणव
चौहान
और
भरत
चावला
ने
लाखों
की
ठगी
की,
फिर
भी
कंपनी
के
खिलाफ
जीपीआईडी
अधिनियम
नहीं
लगाया
गया
है।
77 साल के बूढ़े ने 8 साल की मासूम को लिफ्ट में खींचा, दूसरी बच्ची की गवाही ने सलाखों के पीछे भेजा
अभी
यह
ही
कर
पाई
पुलिस
जीपीआईडी
से
अलग,
क्राइम
ब्रांच
एवं
पुलिस
ने
आर्चर
केर
नामक
कंपनी
खोलकर
लोगों
की
करोड़ों
की
रकम
लेकर
धोखाधड़ी
करने
वाले
विनय
शाह
और
उनके
सहयोगियों
के
खिलाफ
धोखाधड़ी
और
GPID
कानून
के
तहत
मामला
पंजीकृत
किया
है।
रकम
दोगुना
कर
देने
का
करते
थे
वादा
वहीं,
पीड़ितों
का
ड्रीम
पेसिफिक
घोटाले
को
लेकर
कहना
है
कि
महाठग
अशोक
जाड़ेजा
के
साथी
मुकेश
कटारा
की
ओर
से
लोगों
को
चंद
समय
में
ही
राशि
दो
गुना
करके
देने
का
वादा
किया
जाता
था।
इसी
के
चलते
बहुत
से
लोग
उनकी
चपेट
में
आ
गए।
इस
मामले
में
नवरंगपुरा
थाने
में
23
लाख
रुपए
की
ठगी
करने
की
प्राथमिकी
मुकेश
कटारा
व
उसके
दो
अन्य
साथियों
के
विरुद्ध
दिसंबर
की
शुरुआत
में
ही
दर्ज
कराई
गई।
बताया
जाता
है
कि
दो
साल
पहले
भी
वो
ठगी
के
मामले
में
नवरंगपुरा
थाने
में
ही
गिरफ्तार
हो
चुका
था।
पुलिस बनने से ठीक पहले यूपी की बेटी हुई प्रेमी की खूनी हवस की शिकार