GST BILL SCAM: 651 करोड़ के फर्जी बिल का गोरखधंधा, 'नटवरलाल' गिरफ्तार
Ahmedabad news, अहमदाबाद। गुड्स एंड सर्विस टैक्स में 14 कंपनियों का पंजीकरण करवा 651 करोड़ रुपए की फर्जी बिलिंग कर 99 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करने वाले सूरत के सनी प्रवीण नागर को गिरफ्तार किया है। उनको चीफ ज्युडिशियल मेजिस्ट्रेट की अदालत में पेश करने के बाद 4 फरवरी तक जेल में भेज दिया गया है।
प्रवीण नागर ने अलग-अलग लोगों की पहचान का सबूत इकट्ठा करके 14 कंपनियां स्थापित की थी। इन व्यक्तियों के नाम पर उन्होने बैंक खाते खोले थे। इन कंपनियों में करोड़ों रुपये का लेन-देन भी किया था। इन 14 कंपनियों में से वास्तव में कोई भी कंपनी माल नहीं बेच रही थी।
सूरत में राज्य जीएसटी अधिकारियों द्वारा की गई जांच में, सनी प्रवीण नागर ने फर्जी खरीद बिल दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की योजना बनाई थी। उसके पास मेटल स्क्रैप नहीं था और स्टेनलेस स्टील प्लेट व अन्य धातुओं के भी बिल बनाए थे, वास्तव में वह उनके पास नहीं थे। 14 कंपनियों के नाम पर अनुमानित रूप से 6651 करोड़ रुपये का बिल बनाया गया है और इस पर इनपुट टैक्स 99 करोड़ रुपये लिया है।
माल और सेवा कर अधिनियम के अनुच्छेद 69 के प्रावधानों के तहत सनी प्रवीणचंद्र नागर को सूरत से गिरफ्तार किया गया है। सनी की उम्र 34 साल है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें 4 फरवरी तक जेल में भेजने का आदेश दिया है। घोटाले में शामिल 14 कंपनियों की पहचान के लिए भी जांच की जा रही है। विभाग के अधिकारियों ने फर्जी फर्मों द्वारा लिए गए गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस लेने के प्रयास शुरू किए हैं।