'आयुष्मान भारत' से वंचित गुजरात का सबसे बड़ा अस्पताल, कार्डधारकों से भी पैसे मांग रहे थे कर्मचारी
नई दिल्ली। गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल केंद्र सरकार की 'आयुष्मान भारत' योजना से हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों द्वारा अस्पताल में इलाज कराने आने वाले आयुष्मान कार्ड धारकों से पैसे मांगे जाने की वजह से ऐसा किया गया है । यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत बी.पी.एल. कार्डधारकों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना था, मगर इसमें भी घपला होने लगा। इन कारणों के चलते सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल को अब केंद्रीय योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।
15 दिन पहले ही ऑपरेशन थियेटर भी बंद हो गए
'आयुष्मान भारत' योजना से वंचित किए जाने के अलावा करीब 15 दिन पहले ही इस अस्पताल के चार ऑपरेशन थियेटर भी बंद कर दिए गए थे। ऑपरेशन थियेटर बंद होने के पीछे की वजह वहां बारिश का पानी भर जाना बताई गई। जिसके चलते एक सप्ताह तक मुख्य ऑपरेशन थियेटर बंद रहा।
गरीब जनता के लिए बना, लेकिन लुक कॉरपोरेट
अहमदाबाद में नगर निगम की स्थापना होने के बाद सरकार ने इस अस्पताल को बनवाया था। जिसे वीएस अस्पताल कहा गया, तब मकसद था शहर की गरीब जनता को स्वास्थ्य की सुविधायें मिल सके, लेकिन अब इस अस्पताल को कोर्पोरेट लुक दे दिया गया। 2019 में नवीनीकरण के बाद गरीब जनता को उनके लिये तय किये गये रेट भी देना पड़े। फिर, इसमें यह भी होने लगा कि कर्मचारी आयुष्मान कार्ड धारकों से भी पैसे मांगने लगे।
नए अस्पताल के निर्माण—कार्य में 750 करोड़ खर्च हुए
इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल का उद्घाटन किया था। मोदी ने इस अस्पताल का दौरा तब गुजरात वाइब्रेंट समिट के वक्त किया था। इस अस्पताल के निर्माण में तकरीबन 750 करोड़ रुपये खर्च हुए। यह अस्पताल अहमदाबाद नगरपालिका (अहमदाबाद म्युनिसिपल कोर्पोरेशन) द्वारा बनवाया गया। यह अस्पताल शहर का हाई प्रोफाइल सरकारी अस्पताल माना जाता है।
पहली बार 1931 में अस्तित्व में आया यह अस्पताल
इसे वीएस अस्पताल कहते हैं। गुजरात सरकार ने 1931 में वीएस अस्पताल का निर्माण किया था, फिर उसका विस्तार करके साबरमती रिवरफ्रंट तक ले जाया गया। 4.58 एकड जमीन में तीन टावरों में 1.10 लाख वर्ग मीटर के निर्माण के साथ उसे मिला दिया गया।
18 मंजिल हैं इस मल्टी स्पेश्यलिटी अस्पताल में
उद्घाटन से पहले इस अस्पताल को नये मल्टी स्पेश्यलिटी अस्पताल का लुक दिया गया। यह 18 मंजिलों की बिल्डिंग आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। जनवरी माह में यह अस्पताल लोगों के लिए इलाज के लिए शुरू हुआ।
इसमें एयर एंबुलेस की सुविधा भी
इस सार्वजनिक अस्पताल में 18वीं मंजिल की छत पर पहली बार एयर-एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई गई, जहां इमरजेंसी में हेलीकॉप्टर भी लैंड हो सकता है। इस अस्पताल को चलाने के लिए सालाना 350 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की गई।
सरदार पटेल अस्पताल की अन्य खासियतें
-
1.10
मिलियन
वर्ग
मीटर
चौड़ा
निर्माण,
18
फुटबॉल
मैदानों
के
बराबर
-
रात
में
हेलीकॉप्टर
प्राप्त
करने
के
लिए
जर्मन
तकनीक
वाली
HAP
लाइट्स
-
भवन
निर्माण
में
582
करोड़,
चिकित्सा
उपकरणों
की
लागत
168
करोड़
-
2000
टन
क्षमता
का
एसी
प्लांट
-
7.5
mW
बिजली
सबस्टेशन
न्यूरोमिक ट्यूब सिस्टम के 90 स्टेशन
12
करोड़
की
3
टेस्ला
एमआरआई
मशीनें
128
स्लाइस
सीटी
स्कैन
मशीन
जनरल
वार्ड
में
एक
दिन
के
300
रुपये
में
दो
समय
के
खाने
की
सुविधा
सेमी
स्पेशल
रूम
का
1500
रु,
डीलक्स
रूम
का
2000
रु
दो
बिस्तरों
के
बीच,
एंटी-बैक्टीरियल,
एंटी-फंगस
विदेशी
पर्दे
प्रत्येक सामान्य वार्ड के साथ एक अलग वार्ड
18
वीं
मंजिल
पर,
357
छात्र
स्क्रीन
पर
ऑपरेशन
के
संचालन
को
देख
पाएंगे
दो
तरह
से
ऑडियो
विजुअल
संचार
सुविधा
20
उच्च
गति
लिफ्ट
जो
रोगी
के
साथ
बिस्तर
में
परिवर्तित
हो
सकते
हैं
18
मंजिल
में
8
सीडी,
24
लिफ्ट,
दो
रैंप
32
ऑपरेशन
थियेटर
600 सीसीटीवी कैमरे
1500
बिस्तर
की
क्षमता,
139
आईसीयू
बिस्तर
22
खंड,
90
ओपीडी
परामर्श
कक्ष
550
रेजिडेंट
डॉक्टर
क्वार्टर
गर्ल्स
हॉस्टल,
बॉयज़
हॉस्टल