मंदी: सूरत के बाद अब गुजरात का दूसरा सबसे बड़ा हीरा पॉलिशिंग सेंटर भी पस्त, हजारों रोजगार छिने..
अहमदाबाद। देश आर्थिक मंदी की चपेट में हैं। इसकी आड़ में कई कंपनियां बंद हो चुकी हैं, साथ ही हजारों लोग अपनी नौकरी भी खोज चुके हैं। ऐसी ही समस्या के चलते गुजरात राज्य में 5 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं। सूरत के बाद यहां अहमदाबाद का हीरा पॉलिशिंग सेंटर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई हीरा व्यापारी का कहना है कि उन्होंने अपने अभी तक के करियर में इतना बुरा समय नहीं देखा है। यूं तो इन व्यापारियों के पास इस समय करोड़ों के हीरों का भंडार है, लेकिन मांग न होने की वजह से व्यापार ठप है। चूंकि, माल बिक नहीं रहा है, इसलिए कारखाने में काम करने वालों को उनके मालिक वेतन का वेतन का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
28000 हीरा श्रमिकों से छिनी नौकरी
हीरा श्रमिकों की यूनियन के मुताबिक, विगत चार माह में 28 हजार हीरा श्रमिक बेरोजगार हो चुके हैं। यदि सरकार जल्द कुछ नहीं करती है तो बेरोजगारों की संख्या 50,000 हो जाएगी। सूरत डायमंड इंडस्ट्री के कई व्यापारी कहते हें कि मंदी के कारण ही हीरा उद्योग मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे में जबकि, त्योहारी सीजन नजदीक है तो हीरा उद्योग का प्रभावित होना शुभ संकेत नहीं है। इस इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के पास न काम बचा है और न ही जेब में पैसे। हीरा उद्योग ने साल 2008 में भी मंदी का सामना किया था, लेकिन मौजूदा समय साल 2008 से कहीं ज्यादा खराब है।
बेरोजगारों की कोई सुनवाई नहीं हो रही
वर्कर यूनियन के अध्यक्ष रणमल जिलरिया ने का कहना है कि हीरा उद्योग और फाउंड्री उद्योग से जुड़े लोग अधिक संकट में हैं। हम सरकार में लगातार मदद करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार, जल्द ही कुछ नहीं करती है बेरोजगार हीरा श्रमिकों की संख्या 50 हजार को पार कर जाएगी। जबकि, फाउंड्री इकाईयां ठप हुईं तो लाखों की संख्या में लोग रोजगार से हाथ धो बैठेंगे।
450 लोगों की नौकरी छीनकर बंद हुई कंपनी
हीरे की बड़ी कंपनियों पर ताले लगने शुरू हो गए हैं। यहां एके रोड पर स्थित गोधानी इम्पेक्स को उसके मालिकों ने बंद कर दिया है। गोधानी इम्पेक्स ने शनिवार को 250 हीरा श्रमिकों को नौकरी से निकाला था। फिर दो दिन बाद सोमवार को 200 और श्रमिकों को नौकरी से निकाला गया। यानी 450 से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए। वे लोग अब भटक रहे हैं। जबकि, सरकार इस मामले में खामोश है।
इधर, 2 हजार से ज्यादा फाउंड्री इकाईयों पर संकट
हीरा उद्योग के अलावा राज्य में सक्रिय 2 हजार से ज्यादा फाउंड्री इकाईयाँ भी ठप होने की कगार पर हैं। इन फाउंड्रीज में चार लाख से अधिक कर्मचारी हैं। कर्मचारियों को नौकरी खोने का डर सता रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में 6 हजार फाउंड्री चल रही हैं। जिनमें से अकेले गुजरात में 2 हजार से ज्यादा फाउंड्री हैं।
ऑटो कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया
गुजरात की तरह अन्य राज्यों में भी ये बंद हो सकती हैं। फाउंड्री इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों के मुताबिक, वाहनों की बिक्री में गिरावट के साथ ऑटो कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया है। जिसके परिणामस्वरूप फाउंड्री इकाईयां भी संकट में हैं।