80 फीसदी दृष्टि बाधित छात्रा ने किया वो काम बड़े-बड़े दिग्गज नहीं कर सकते
गुजरात की प्राची ने शारीरिक कमजोरियों को पीछे छोड़ते हुए वो मुकाम हासिल किया है जिसे बड़े-बड़े दिग्गज हासिल नहीं कर पाते।
कहते हैं जब हौसलों में उड़ान हो तो कोई भी बाधा तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। इसका सबसे ताजा उदाहरण गुजरात की प्राची हैं। दुनिया के बड़े मैनेजमेंट संस्थानों में से एक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट-अहमदाबाद में एडमिशन पाना किसी सपने के सच होने से कम नहीं है। गुजरात की प्राची सुखवानी ने भी अहमदाबाद के इसी संस्थान पढ़ने का सपना देखा और सच कर दिखाया। प्राची की यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि वे 80 प्रतिशत दृष्टि बाधित हैं।
तीन
साल
की
उम्र
में
हो
गई
थी
आंखों
की
बामारी
टाइम्स
ऑफ
इंडिया
की
खबर
के
मुताबिक
प्राची
को
तीन
साल
की
उम्र
में
मैक्युलर
डिस्ट्रॉफी
(रेटिनल
डिग्रेडेशन)
की
शिकार
हो
गईं।
यह
एक
तरह
से
आंखों
में
होने
वाली
बीमारी
है
जिससे
पीड़ित
की
आंखों
की
रोशनी
धीरे-धीरे
कम
होने
लगती
है।
खबर
के
मुताबिक
प्राची
80
फीसदी
दृष्टि
बाधित
हैं
लेकिन
यह
बाधा
उनके
सपनों
को
पूरा
करने
में
आड़े
नहीं
आई।
21
वर्षीय
प्राची
सुखवानी
ने
महाराजा
सायाजिराव
यूनिवर्सिटी
की
फैकल्टी
ऑफ
कॉमर्स
में
BBA
का
कोर्स
किया
है।
नेत्रहीनों
की
मदद
करना
चाहती
हैं
प्राची
प्राची
ने
टाइम्स
ऑफ
इंडिया
को
बताया
कि
उनका
पहला
गोल
पढ़ाई
करके
किसी
मल्टीनेशनल
कंपनी
में
काम
करना
है।
हालांकि
प्राची
कहती
हैं
कि
थोड़ा
अनुभव
हो
जानेे
के
बाद
खुद
का
स्टार्टअप
खोलेंगी
और
नेत्र
हीन
लोगों
के
लिए
एनजीओ
भी
खोलेंगीं।
प्राची
के
पिता
ने
टाइम्स
ऑफ
इंडिया
को
बताया
कि
प्राची
को
देश
के
सभी
तीन
टॉप
आईआईएम
यानी
IIM-अहमदाबाद,
IIM-बेंगलुरु
और
IIM-कोलकाता
से
कॉल
आई
और
वहां
उन्होंने
इंटरव्यू
दिया।
जिसके
बाद
उनका
IIM-अहमदाबाद
में
एडमिशन
हो
गया।
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