यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव के हत्यारे मनीष शर्मा की अस्पताल में मौत
आगरा। यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या करने वाले आरोपी वकील मनीष यादव की मौत हो गई है। आरोपित वकील मनीष शर्मा की शनिवार को गुरुग्राम के मेदांता मेडी सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। 12 जून को आगरा में दरवेश यादव के अध्यक्ष बनने पर स्वागत समारोह था। दरवेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के चैम्बर में बैठी थीं। वहीं पर साथी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से उनपर सीधे 5 गोलियां दाग दीं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद आरोपित मनीष शर्मा ने खुद को भी गोली मार ली थी।
बार काउंसिल ने परिवार के लिए मांगा मुआवजा
दरवेश यादव के भतीजे सनी द्वारा कराई गई एफआईआर के मुताबिक हत्याकांड में मुख्य आरोपी मनीष शर्मा के साथ उसकी पत्नी वंदना और एक अन्य वकील गुलेच्छा विनीत शामिल थे। बार काउंसिल अध्यक्ष के हत्या पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के वकीलों ने उनके परिवार के लिए 50 लाख रुपए का मुआवजा मांगा था।
कौन थीं दरवेश सिंह यादव
दरवेश मूल रूप से यूपी के एटा जिले की रहने वाली थीं। उनके पिता पुलिस में डिप्टी एसपी रहे थे। दरवेश सिंह ने आगरा कॉलेज से पहले एलएलबी किया और फिर एलएलएम। वर्ष 2004 से ही दरवेश यादव आगरा की दीवानी कचहरी में प्रैक्टिस कर रही थीं। 2016 में वह बार काउंसिल की उपाध्यक्ष भी रही थीं। 2017 में दरवेश बार काउंसिल की कार्यकारी चेयरमैन भी रह चुकी थीं। इसके बाद साल 2018 में हुए बार काउंसिल के चुनाव में दरवेश दूसरी बार सदस्य चुनी गईं थी।
FIR में बताई थी ये वजह
दरवेश यादव के भतीजे सनी के मुताबिक, मनीष की पत्नी वंदना कई दिनों से उनकी बुआ (दरवेश यादव) को फोन कर धमकियां दे रही थी। वंदना ने उसकी बुआ से कहा था कि वह उसके पति से पैसा और जेवरात न मांगे। सनी का आरोप है कि मनीष ने उसकी बुआ के चैंबर पर भी कब्जा कर रखा था और अब वह जेवर और गाड़ी पर कब्जा करना चाहते थे। सनी का कहना है कि बुधवार को पूर्व अधिवक्ता विनीत गुलेच्छा मनीष को साजिश के तहत अपने साथ कचहरी लाया और उसकी बुआ की हत्या करवा दी।