आगरा: बीमारी से 24 घंटे के अंदर दो बहनों की मौत, भाई की हालत नाजुक
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में 24 घंटे के अंदर दो बहनों की मौत हो गई है जबकि उनके साथ रह रहे भाई की हालत नाजुक बताई जा रही है। शाहगंज क्षेत्र के अर्जुन लगर में एक किराए के मकान में बीमारी से हुई इन मौतों से इलाके के लोग दहशत में हैं। उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने शवों को बिना कोरोना जांच के ही परिजनों को सौंप दिया। शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इसके बाद इलाके के लोग स्वास्थ्य विभाग के काम करने के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं।
अर्जुन नगर में किराए के मकान में 57 साल की बिंदेश्वरी के साथ उनकी तलाकशुदा बहन कोमल व 40 वर्षीय भाई रह रहे थे। जानकारी के मुताबिक, बिंदेश्वरी ब्लडप्रेशर के मरीज थीं और उनका इलाज चल रहा था। अचानक बिंदेश्वरी की तबीयत खराब हो गई और रविवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। बिंदेश्वरी की मौत की खबर मिलने पर उनकी बहन बबली व अन्य परिजन पहुंचे। उन्होंने लाश को चौखट पर रख दिया। बिंदेश्वरी की मौत की सूचना स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को दी। लोगों का आरोप है कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। 14 घंटे तक बिंदेश्वरी की लाश घर की चौखट पर ही पड़ी रही। स्वास्थ्य विभाग की टीम आई भी तो उन्होंने शव को ले जाने से मना कर दिया। भाई को खांसी होते देख स्वास्थ्य विभाग उसको ले गई और एस एन अस्पताल में भर्ती करा दिया।
सोमवार को दिन में बिंदेश्वरी का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। शाम होते-होते डायलिसिस पर चल रही बहन कोमल की हालत बिगड़ी और उसकी भी मौत हो गई। सूचना मिलने पर प्रशासन ने शव वाहन से ले जाकर उसका भी अंतिम संस्कार करा दिया। एस एन अस्पताल में भर्ती भाई की हालत नाजुक बताई जा रही है। इलाके के लोग दहशत में हैं। उनका कहना है कि दोनों बहनों के शवों व बीमार भाई के सैंपल की टेस्टिंग नहीं की गई है और न ही यह मालूम है कि इनमें कोरोना वायरस का संक्रमण है या नहीं? अधिवक्ता व भाजपा नेता हेमेंद्र शर्मा ने कहा कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग से लापरवाही हुई है और लोग डरे हुए हैं। वहीं, शाहगंज थाना के प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र सिंह राघव का कहना है कि नियम के मुताबिक शवों की कोरोना जांच नहीं हो सकती है। भाई के सैंपल की जांच हो सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों बहनों की मौत पर पुलिस मौके पर गई थी। बड़ी बहन बीपी की मरीज थी जबकि छोटी बहन भी डायलिसिस पर थी।
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