बकरीद: बेजुबानों का खून बहाने के बजाए आगरा में दी गई केक से बने बकरे की 'कुर्बानी'
आगरा। ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर्व को लेकर ताजनगरी आगरा में खासा उत्साह देखने को मिला। सोमवार को यहां मस्जिदों में नमाज अदा की गई, इसके बाद कुर्बानियों का दौर शुरू हुआ। एक मुस्लिम परिवार ने जीवहत्या को रोकने का संदेश देते हुए जिस तरह से यह पर्व मनाया, उसकी चहुंओर प्रशंसा हो रही है। यहां एक परिवार ने इको फ्रेंडली बकरीद मनाई। शाहगंज आजमपाड़ा में रहने वाले गुलचमन शेरवानी जो अपने परिवार के मुखिया हैं, उन्होंने केक पर छपे बकरे की कुर्बानी दी। यानी, केक काटकर ईद मनाई।
यह परिवार शाहगंज के मीना बाजार, बोगीपुरा इलाके में रहता है। कलमा पढ़ते हुए परिवार ने केक काटकर एक दूसरे को खिलाया और त्यौहार की मुबारकबाद दी। परिवार का मानना है, इस तरह के प्रयास से उन्होंने लोगों को जीव हत्या रोकने का संदेश दिया है।
गुलचमन कहते हैं कि बच्चों द्वारा बकरे की कुर्बानी से मना करने पर हमने पशु नहीं काटा। अब हम बकरे की कीमत जितनी राशि से दो गरीब लड़कियों का निकाह कराएंगे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह परिवार बीते दो साल से इसी तरह बकरीद मनाता देखा गया है। वे पशु की हत्या नहीं करते। कहा जाता है कि साल 2017 में बेटे के मना करने पर परिवार ने यह फैसला लिया था। यह सिलसिला इस बार भी जारी रहा।