शहीद भगत सिंह ने यहां बनाया था बम, खंडहर बन चुका है उनकी आखिरी निशानी
Agra news, आगरा। महान क्रांतिकारी शहीद सरदार भगत सिंह का आगरा से गहरा नाता रहा है, क्योंकि आगरा में रहकर ही उन्होंने लाहौर असेम्बली में फेंकने के लिए बम तैयार किया था। यहां से बम बनाकर ले जाने के बाद वो सीधा असेम्बली से जेल गए थे और फिर वहीं उन्हें फांसी दे दी गयी थी। महान क्रांतिकारी के इतने ऐतिहासिक स्थल को आज खंडहर के रूप में ही देखा जा सकता है, क्योंकि सालों से यहां किसी तरह का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है।
क्या कहते हैं इतिहासकार
इतिहासकार राज किशोर राजे के मुताबिक, आगरा में 1926 से 1929 तक भगत सिंह अज्ञात वास भरह थे और नूरी दरवाजा में लाला छन्नूलाल की हवेली में उन्होंने अपनेसाठी अमीर चंद के नाम से ढाई रुपये पेशगी देकर पांच रुपये माह पर मकान लिया था। यहां वो बम बनाते थे और आस पास के जंगलों में परीक्षण करते थे।लाहौर असेम्बली में फेंकने के लिए बम उन्होंने यहीं बनाया था। उन्हें यहां बेनीराम की दूध की दुकान का दूध बहुत पसंद था।
दूध के साथ रबड़ी खाते थे
दुकानदार सीताराम के अनुसार, पहले उनके कमरे के सामने ही उनके पिता की दूध की दुकान थी। दुकान पर भगत सिंह आते थे और डेढ़ लीटर दूध पीते थे फिर रबड़ी खाते थे। कभी-कभी पैसे न होने पर वो उधार भी करते थे और कहते थे कि लाला पैसे आ जाएंगे। मकान में वो ज्यादातर रात में ही आते थे। आज उनकी निशानी की हालत बहुत खराब है, लेकिन कोई कुछ करवाना नहीं चाहता है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय लोगों की मानें तो हर साल यहां दो बार मीडिया और कुछ समाजसेवी लोग आते हैं और फोटो खींच और खिंचवा कर चले जाते हैं पर आज तक यहां के जीर्णोद्धार के लिए किसी भी तरह की सरकारी और गैर सरकारी कोशिश नहीं की गई है।
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