आगरा जामा मस्जिद की रेडियोलॉजिकल जांच के लिए मथुरा कोर्ट में याचिका, मूर्तियां दबी होने का दावा
मथुरा। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में वाराणसी की एक स्थानीय कोर्ट ने एएसआई को विवादित परिसर का विस्तृत सर्वे करने का आदेश दिया है। वाराणसी कोर्ट के इस फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। अब मथुरा की कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि ठाकुर कटरा केशव मंदिर की मूर्तियां आगरा में जामा मस्जिद के नीचे दबी हैं। जिला सरकारी वकील संजय गौर ने बताया कि सीनियर सिविल जज ज्योति सिंह की कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका में वकील शैलेंद्र सिंह ने आगरा की जामा मस्जिद या जहांनारा मस्जिद की रेडियोलॉजिकल जांच की मांग की है। वकील शैलेंद्र सिंह ने इस मामले में लखनऊ के पांच याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखा है।
केशव मंदिर की मूर्तियां मस्जिद के नीचे दबी होने का दावा
जिला सरकारी वकील ने बताया कि वकील ने यह मांग करते हुए दावा किया कि मथुरा के कटरा केशव मंदिर की मूर्तियां मस्जिद के नीचे दबी हैं। याचिका के मुताबिक, मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर गिराने के बाद मुगल शासक औरंगजेब यहां से भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां लेकर आगरा गया था और यहां उसने इन मूर्तियों को जहांआरा मस्जिद (जामा मस्जिद) के नीचे दबा दिया।
बता दें, पिछले साल मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए मथुरा डिस्ट्रिक्ट सिविल कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली कटरा केशव देव मंदिर के समीप स्थित 17वीं सदी की मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए मथुरा की एक कोर्ट में अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए फरवरी में मथुरा की एक कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद समिति एवं अन्य को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने इन पक्षकारों से जवाब मांगा। अर्जी में ठाकुर श्री केशव देव जी की 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को दिलाने की अपील की गई है। साथ ही वर्ष 1968 में हुई डिक्री को रद्द करने की मांग भी की गई है।
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