दिल्ली-आगरा हाईवे पर सरकार के खिलाफ फूटा मजदूरों का गुस्सा, सामान रखकर लगा दी आग
आगरा। लॉकडाउन में काम-धंधे बंद हो गए है, जिसके चलते प्रवासी मजदूरों के सामने विषम हालात हैं। 53 दिनों में मजदूरों के कनस्तर खाली हो गए है और उनके पास पैसे भी नहीं बचे है। ऐसे में मजदूरों पैदल ही अपने गांव की ओर चल पड़े है। तपती दोपहरी में भूख प्यास की परवाह किए बगैर नंगे पांव जख्मों के साथ सड़कों पर चलते चले जा रहे श्रमिकों को पुलिस-प्रशासन की रोक टोक बर्दाश्त नहीं हो रही। वह दर्द, अब गुस्से के रूप में फूट रहा है। रविवार को आगरा-दिल्ली हाईवे को रविवार सुबह सैकड़ों श्रमिकों ने जाम कर दिया है। लाठी-डंडों के साथ प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों ने हाईवे पर सामान रखकर आग लगा दी है।
Recommended Video
रविवार सुबह मजदूरों का धैर्य जवाब दे गया। मथुरा में थाना क्षेत्र में रैपुरा जाट पुलिस चौकी और रैपुरा जाट गांव के बीच मजदूरों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। आसपास से कूड़ा करकट और कबाड़ का सामान लाकर हाईवे पर रख दिया और उसमें आग लगा दी गई। उनका कहना था कि वह दो-तीन दिन से भूखे प्यासे हैं। उनकी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। उनको पैदल भी नहीं चलने दिया जा रहा है। ना ही उनके लिए वाहन ही उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आखिर में वे क्या करें।
इधर कोसीकला के कोटवन बॉर्डर पर भी सुबह मजदूरों को रोकने की कोशिश की गई, मगर हजारों मजदूरों का काफिला आगे की तरफ बढ़ गया। मजदूरों को रोकने के पुलिस और प्रशासन के सभी प्रयास अभी तक विफल साबित हो रहे हैं। दरअसल, बॉर्डर पर रोडवेज बसों की व्यवस्था कराई जा रही है, जो मजदूरों की संख्या के हिसाब से काफी कम है। रोडवेज बसों के अलावा प्राइवेट वाहनों से मजदूरों के जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। यही कारण है कि मजदूरों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही हैं।
थाना फरह क्षेत्र में हाईवे पर जाम लगा रहे मजदूरों की मांग है कि उनको उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए तत्काल वाहनों की व्यवस्था कराई जाए। इधर मजदूरों के आक्रोश को देखते हुए सिटी सर्किल के पुलिस फोर्स को मौके पर भेजा जा रहा है। जो पुलिसकर्मी वहां मौजूद हैं, वे मजदूरों को समझाने के प्रयास कर रहे हैं। मगर मजदूर अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।