आगरा में दलित महिला की लाश को जलाने से रोकने की घटना अति शर्मनाक: मायावती
लखनऊ। 22 जुलाई को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में नट समाज की महिला की मौत के बाद एक श्मशान में उसकी चिता बनाई गई थी। लेकिन सवर्ण समाज के कुछ लोग वहां पहुंच गए और उसका अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। जिसकी वजह से महिला की चिता को वहां से हटाकर कहीं और अंतिम संस्कार करना पड़ा। अब बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इस पर नाराजगी जताते हुए जांच की मांग की है।
उच्च
स्तरीय
होनी
चाहिए
जांच
मायावती
ने
ट्वीट
करते
हुए
लिखा,
'यूपी
में
आगरा
के
पास
एक
दलित
महिला
का
शव
वहां
जातिवादी
मानसिकता
रखने
वाले
उच्च
वर्गों
के
लोगों
ने
सिर्फ
इसलिए
चिता
से
हटा
दिया,
क्योंकि
वह
श्मशान
घाट
उच्च
वर्ग
के
लोगों
का
था।
यह
अतिशर्मनाक
व
अतिनिन्दनीय
है।
इस
जातिवादी
घृणित
मामले
की
यूपी
सरकार
द्वारा
उच्च
स्तरीय
जांच
होनी
चाहिये
और
दोषियों
को
सख्त
से
सख्त
सजा
मिलनी
चाहिए
ताकि
प्रदेश
में
ऐसी
घटना
की
फिर
से
पुनरावृत्ति
ना
हो
सके
बसपा
की
यह
पुरजोर
मांग
है।
क्या
है
पूरा
मामला
आगरा
जिले
के
अछनेरा
क्षेत्र
के
रायभा
गांव
का
है।
जानकारी
के
मुताबिक,
20
जुलाई
को
25
साल
की
पूजा
पत्नी
राहुल
की
मौत
हो
गयी
थी।
महिला
का
शव
लेकर
परिजन
श्मशान
पहुंचे।
तभी
वहां
गांव
के
कुछ
लोगों
ने
पहुंचकर
अंतिम
संस्कार
करने
पर
आपत्ति
जताई।
इसे
लेकर
दोनों
पक्षों
में
विवाद
हो
गया।
बात
इतनी
बढ़
गई
कि
दोनों
पक्षों
के
बीच
हाथापाई
की
नौबत
आ
गई।
सूचना
मिलते
ही
अछनेरा
थाना
और
कुकथला
चौकी
की
पुलिस
पहुंची।
पुलिस
के
समझाने
के
बाद
माने
परिजन
पुलिस
के
समझाने
के
बाद
भी
दूसरा
पक्ष
इस
जमीन
पर
शव
का
अंतिम
संस्कार
करने
देने
को
राजी
नहीं
हुआ।
पुलिस
के
समझाने
के
बाद
मृतका
के
परिजनों
ने
शव
को
चिता
से
हटा
लिया।
स्थिति
को
देखते
हुए
पुलिस
ने
महिला
के
शव
को
दूसरे
स्थान
पर
भेजकर
अंतिम
संस्कार
करवाया।
इस
पूरे
घटनाक्रम
के
पीछे
जमीन
का
विवाद
बताया
गया
है।
मामले
में
एसओ
अछनेरा
भोलू
सिंह
भाटी
ने
बताया
कि
जमीन
को
लेकर
विवाद
की
स्थिति
बन
गई
थी।
शांति
व्यवस्था
बनाए
रखने
के
लिये
मृतक
महिला
का
दाह
संस्कार
दूसरी
जगह
पर
कराया
गया
है।
पूरे
प्रकरण
की
जांच
की
जा
रही
है।