जानवरों की चर्बी से बनाया जा रहा था 'देशी घी', पुलिस ने मौके से बरामद की हड्डियां, पैर और खुर
Agra News, आगरा। गधे की लीद, नकली रंग, घांस और एसिड के जरिए नकली मसाले तैयार किए जाने का मामला अभी हाथरस जिले से सामने आया था। तो वहीं, अब अगरा जिले में जानवर की चर्बी से नकली घी तैयार किए जाने का मामला सामने आया है। बता दें कि पुलिस ने खंदौली कस्बे में चल रही फैक्ट्री पर छापा मारकर भारी मात्रा में तैयार 'देशी घी' के साथ ही जानवरों की हड्डियां, पैर और खुर बरामद किया है। इतना ही नहीं, पुलिस ने फैक्ट्री संचालक सहित चार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपी फरार हो गए। पुलिस की मानें तो फैक्ट्री के अंदर जानवरों की चर्बी को चूल्हे पर पिघला कर घी बनाया जा रहा था।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने मौके से करीब 125 किलो चर्बी से बना हुआ देशी घी बरामद किया है। तो वहीं, सूचना पर पहुंची खाद्य सुरक्षा टीम ने पकडे गए घी के सैंपल जांच के लिए भेज दिए है। थाना प्रभारी खंदौली अरविंद कुमार निर्वाल ने बताया कि मौहल्ला व्यापारियन में चर्बी से घी बनाने की फैक्ट्री की सूचना मिली थी। इसी फैक्ट्री के बराबर वाले बाडे में अवैध बूचड़ खाना चलाया जा रहा है। इस पर पुलिस ने फोर्स के साथ फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की। पुलिस कार्रवाई से फैक्ट्री में और बूचड़ खाने के बाड़े में भगदड़ मच गई।
बूचड़ खाने चलाने वाले मौके से भाग निकले जबकि पुलिस ने नकली घी की फैक्ट्री से घी बनाते चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मौके से फैक्ट्री में हड्डियां, जानवरो की चर्बी और भैसों के पैरों के खुर भारी मात्रा में बरामद किए हैं। पुलिस ने मौके से तैयार किया गया चार कनस्तर में साठ किलो घी, एक कनेस्टर डालडा घी और चूल्हे पर पकता घी बरामद किया है। मौके से चार लोग फैक्ट्री मालिक चांद बाबू, शेफी, इरशाद और ताहिर पुत्र निवासी मुहल्ला व्यापारियन को गिरफ़्तार किया है। वहीं कट्टीखाना चला रहे शल्लो पुत्र स्वालीन और शोहिल पुत्र स्वालीन फरार हो गए।
पुलिस
ने
दर्ज
किया
मुकदमा
एसओ
खंदौली
अरविंद
सिंह
निर्वाल
के
मुताबिक,
खाद
सुरक्षा
अधिकारी
त्रिभुवन
नारायण
की
तहरीर
पर
गिरफ्तार
आरोपितों
सहित
छह
के
खिलाफ
नामजद
रिपोर्ट
दर्ज
की
गई
है।
आरोपितों
के
खिलाफ
धोखाधड़ी
(धारा
420),
विक्रय
के
लिए
आशयित
खाद्य
या
पेय
वस्तु
का
अपमिश्रण
(धारा
272,
273)
और
असुरक्षित
या
संदूषित
या
अवमानक
खाद्य
(खाद्य
सुरक्षा
एवं
मानक
अधिनियम
2006
की
धारा
26)
के
तहत
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
है।
आसपास
के
जिलों
में
करते
थे
सप्लाई
पुलिस
गिरफ्त
में
आए
फैक्ट्री
मालिक
चांदबाबू
ने
बताया
कि
वे
जानवरों
की
चर्बी
को
चूल्हे
पर
उबालकर
इसमें
तय
मात्रा
में
वनस्पति
और
रिफाइंड
मिला
देते
हैं।
एसेंस
(खुशबू)
की
मिलावट
के
बाद
यह
हूबहू
असली
घी
लगता
है।
बताया
कि
लंबे
समय
से
वो
नकली
घी
तैयार
कर
आसपास
के
जनपदों
में
सप्लाई
किया
जा
रहा
था।
आरोपित
चांद
बाबू
ने
पुलिस
को
बताया
कि
घी
तैयार
करने
में
कुल
23
रुपये
प्रति
किलोग्राम
का
खर्च
आता
है।
जिसे
वह
व्यापारियों
को
60
रुपए
प्रति
किलोग्राम
बेचता
है।
यही
घी
व्यापारी
डालडा
में
मिलाकर
200
प्रति
किलोग्राम
तक
में
बेचते
हैं।