आगरा से लापता हुई बस इटावा में मिली, फाइनेंस कंपनी ने नहीं बल्कि इस वजह से हुई थी हाईजैक
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से हाईजैक हुई प्राइवेट स्लीप बस मामले में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, बस को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने नहीं, बल्कि लेन-देन के विवाद में इस घटना को अंजाम दिया गया था। हालांकि राहत की बात यह है कि बस में सवार यात्री सुरक्षित है और बस इटावा जिले से बरामद हो गई है। वहीं, बस मालिक के जीजा गगन ने मीडिया को बताया कि बस पर कोई फाइनेंस नहीं थी। इसस पहले ऐसी खबर आ रही थी कि बस मालिक ने 8 किश्तों का भुगतान नहीं किया था, जिसके बाद श्रीराम फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बस को हाईजैक अपने साथ ले गए थे।
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रुपए को लेन-देन का था विवाद
आगरा जिले के एसएसपी बबलू सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि बस यात्रियों तक आगरा पुलिस पहुंच गई है। सभी यात्री झांसी के पास मिले हैं। पुलिस ने यात्रियों से बात की है और चिंता की कोई बात नहीं है। एसएसपी ने बताया कि अब पता चल रहा है कि बस को फाइनेंस कर्मियों ने हाईजैक नहीं किया था। बल्कि, प्रदीप गुप्ता नाम के शख्स ने बस को अगवा कराया था। प्रदीप गुप्ता फिरोजाबाद जिले का रहने वाला है और बस मालिक से रुपए को लेन-देन का विवाद था।
बस मालिक की हो गई थी कोरोना वायरस से मौत
एनबीटी ऑनलाइन की खबर के मुताबिक, बस मालिक की मंगलवार को कोरोना वायरस से मौत हो गई थी। ऐसे में प्रदीप गुप्ता को लगा कि उन्हें बकाया पैसा नहीं मिलेगा। इसलिए बस अगवा किया गया। उधर श्रीराम फाइनैंस के रीजनल बिजनस हेड बीसी कटोच ने बस पर किसी भी लोन की बात से इनकार किया है। बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस घटना के बारे में सुबह करीब 10.30 बजे बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि इस बस को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने अवैध तरीके से कब्जे में लिया है। बस में सवार सभी यात्री सकुशल हैं। लेकिन बस अभी कहां है और यात्री किस जगह पर, इन सवालों का जवाब नहीं मिला है।
बस पर नहीं था कोई फाइनेंस
वहीं, इस घटना की सूचना पाकर बस मालिक का जीजा गगन भी झांसी पुलिस के पास पहुंच गया। बस मालिक के रिश्तेदार गगन ने कहा कि मुझे जानकारी मिली कि बस से ड्राइवर, कंडेक्टर को उतार दिया गया और उसे अगवा कर लिया गया है। परिवार में आकस्मिक मृत्यु हो जाने के कारण मेरे ससुर-साले नहीं आ सकते हैं, इसलिए मैं चला आया, जहां तक मुझे जानकारी है, यह बस फाइनेंस की नहीं है।
क्या है पूरा मामला
मंगलवार देर शाम एक प्राइवेट स्लीपर बस गुरुग्राम से 34 यात्रियों को लेकर मध्य प्रदेश के पन्ना, अमानगंज जिले के लिए चली थी। बस आगरा जिले के मलपुरा थाना क्षेत्र के दक्षिणी बाईपास के पास पहुंची तो यहां पहले से खड़ी दो जाइलो कार सवार लोगों ने ड्राइवर और कंडक्टर जबरदस्ती बस से उतारा और जाइलो में बिठा लिया। बस में चार साथी बैठ गए और खुद ही बस को चलाने लगे। चालक के मुताबिक, यहां से वे बस को ग्वालियर रोड पर उतारकर सैंया ले गए। सैंया से फतेहाबाद होते हुए लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचे। यहां एक्सप्रेस वे के नीचे स्थित ढाबे पर खाना खाया। परिचालक से सवारियों के रुपए वापस कराए और सवारियों समेत बस लेकर फिर चल दिए। चालक और परिचालक को दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ गए। तड़के चार बजे चालक और परिचालक ने मलपुरा थाने पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को दी।