दरवेश मर्डर: जेवर और गाड़ी के लिए की थी हत्या, हत्यारे मनीष के साथ पत्नी और एक वकील शामिल
आगरा। दरवेश यादव ने जिस शहर में रहकर नाम कमाया, खुद की पहचान बनाई, पहली बार महिला अध्यक्ष बनी। बुधवार को अध्यक्ष बनने के बाद दरवेश दीवानी में ढोल ताशों के साथ घूम-घूम कर अधिवक्ताओं को धन्यवाद दे रही थीं। उसी समय साथी वकील मनीष शर्मा ने गोली मारकर हत्या कर दी। दरवेश की हत्या के पीछे एक बड़ी साजिश की बात सामने आ रही है। दरअसल दरवेश यादव के भतीजे सनी द्वारा कराई गई एफआईआर के मुताबिक हत्याकांड में मुख्य आरोपी मनीष शर्मा के साथ उसकी पत्नी वंदना और एक अन्य वकील गुलेच्छा विनीत शामिल थे।
FIR में बताई ये वजह
दरवेश यादव के भतीजे सनी के मुताबिक, मनीष की पत्नी वंदना कई दिनों से उनकी बुआ (दरवेश यादव) को फोन कर धमकियां दे रही थी। वंदना ने उसकी बुआ से कहा था कि वह उसके पति से पैसा और जेवरात न मांगे। सनी का आरोप है कि मनीष ने उसकी बुआ के चैंबर पर भी कब्जा कर रखा था और अब वह जेवर और गाड़ी पर कब्जा करना चाहते थे। सनी का कहना है कि बुधवार को पूर्व अधिवक्ता विनीत गुलेच्छा मनीष को साजिश के तहत अपने साथ कचहरी लाया और उसकी बुआ की हत्या करवा दी।
कौन थी दरवेश सिंह यादव
दरवेश मूल रूप से यूपी के एटा जिले की रहने वाली थीं। उनके पिता पुलिस में डिप्टी एसपी रहे थे। दरवेश सिंह ने आगरा कॉलेज से पहले एलएलबी किया और फिर एलएलएम। वर्ष 2004 से ही दरवेश यादव आगरा की दीवानी कचहरी में प्रैक्टिस कर रही थीं। 2016 में वह बार काउंसिल की उपाध्यक्ष भी रही थीं। 2017 में दरवेश बार काउंसिल की कार्यकारी चेयरमैन भी रह चुकी थीं। इसके बाद साल 2018 में हुए बार काउंसिल के चुनाव में दरवेश दूसरी बार सदस्य चुनी गईं थी।
यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरमैन
9 जून को प्रयागराज में यूपी बार काउंसिल का चुनाव हुआ। जिसमें चेयरमैन पद के लिए आगरा की एडवोकेट दरवेश और हरिशंकर सिंह को 12-12 बराबर वोट मिले। इसके बाद बराबर मत के आधार पर दोनों को छह-छह माह के लिए चुन लिया गया। परंपरा और सहमति के आधार पर दरवेश सिंह यादव को पहले छह माह और हरिशंकर सिंह को शेष छह माह के लिए चेयरमैन निर्वाचित किया गया था। बताया जा रहा है कि वह यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरमैन थीं।
अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अखिलेश यादव
दरवेश यादव का पार्थिव शरीर बुधवार की देर रात एटा पहुंच गया। गुरुवार को अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव मलावन थाने के चांदपुर में होगा। अंतिम संस्कार में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी शामिल होंगे।