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दिल्ली गैंगरेप : 9 महीनों का इंतजार खत्म, देश दरिंदों के लिए मांग रहा है सजा-ए-मौत

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नयी दिल्ली। वो मर गई, लेकिन अपनी अदम्य साहस से वो पूरे देश को जगा गई। 9 महीने के इंतजार के बाद आज उसकी आत्मा को शांति मिलेगी। देश को झकझोर देने वाले 16 दिसंबर दिल्ली गैंगरेप केस में आज फैसले का दिन है। गैंगरेप के चार आरोपियों पर दिल्ली का साकेत कोर्ट फैसला सुनाएगी। चारों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में तिहाड़ जेल से साकेत कोर्ट लाया जा चुका है। करीब दोबहर 12.30 बजे आरोपियों को सजा का ऐलान होगा। आरोपियों के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमे चले हैं, उसके तहत उन्हें उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।

16 दिसंबर 2012 को जिस तरह देश की राजधानी में चलती बस के अंदर गैंगरेप किया गया, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। देश भर में लोग इंसाफ की मांग करते सड़कों पर उतर पड़े। भले ही उन पांचों दरिंदों ने उस मौत के लिए मजबूर कर दिया हो, लेकिन आज कोर्ट के फैसले के बाद उसे इंसाफ मिल जाएगा।

फांसी से कम कुछ मंजूर नहीं

16 दिसंबर की रात ने इस मां से उसकी लाडली छीन ली। उसके साथ हुई दरिंदगी ने उसे मौत और उसके परिवार को जीवन भर का गम और दर्द दे दिया। जब-जब इस मां की आंखे बंद होती है उन्हें अपनी बेटी की दर्दभरी चीखे सुनाई देती है। पिता सो नहीं पाते। भाई गुस्सा में है कि वो अपनी बहन को बचा नहीं पाए। लेकिन इन्हें उम्मीद है कि कोर्ट उनके साथ इंसाफ करेगा। जो दर्ज उन की बेटी को मिला उसका हिसाब अब कोर्ट उन दरिंदों से लेगा। पीड़िता के परिवार वालों ने चारों दरिंदों के लिए सिर्फ फांसी की मांग की है। फांसी से नीचे उन्हें कुछ और मंजूर नहीं है।

तारिखों में कैद दर्द

दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद देश में उठे बवाल को देखकर इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट को भेज दिया गया। इस गैंगरेप मामले में 130 बार अदालत में इस केस की सुनवाई हुई, 85 गवाह हुए पेश किए गए। दिल्ली के साकेत कोर्ट के कमरा नंबर 304 इस गैंगरेप की सुनवाई के बाद आज फैसले का दिन आ गया है। मामले पर जिरह के लिए 7 महीने में 130 बार अदालत बैठी और सुनवाई पूरी होने के बाद 3 सितंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। देश की हिला देने वाले इस केस में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 85 गवाह पेश किए गए। इन गवाहों में सबसे अहम गवाह पीड़ित लड़की का दोस्त और इस घटना का एकमात्र चश्मदीद भी शामिल है।

कौन-कौन सी धाराओं में हो सकती है सजा

दिल्ली गैंगरेप के चारों आरोपी पवन, विनय, मुकेश और अक्षय ठाकुर को आज कोर्ट सजा सुनाएंगी। इन पर आईपीसी की कई धाराओं के तहत ममाला दर्ज किया गया था। 33 पन्नों की पुलिस चार्जशीट में इन पर कई संगीन आरोप लगे है। गैंगरेप के आरोपियों पर अपहरण, आपराधिक साजिश रचने, लूटपाट, सबूत नष्ट करने से जुड़ी सख्त धाराएं भी लगाई गई हैं जिनमें 2 साल से लेकर 10 साल तक की सजा हो सकती है।

धारा 302- हत्या का मामला, सजा फांसी या उम्रकैद

धारा 396- हत्या और डकैती, सजा है फांसी या उम्रकैद

धारा 307- हत्या का प्रयास, सजा 10 साल की कैद

धारा 376(2) जी- सामूहिक बलात्कार, सजा 10 साल की कैद

धारा 377- अप्राकृतिक यौनाचार, सजा 10 साल की कैद

दर्द के वो 9 महीनें

दर्द के वो 9 महीनें

16 दिसंबर 2012 की उस वारदात के बाद पूरा देश जाग गया। आज पूरे देश इस फैसले का इंतजार कर रहा है। लोग चारों दरिदों के लिए सिर्फ फांसी की मांग कर रहा है।

साहस की मिशाल

साहस की मिशाल

देश की बेटी की उपाधि पाने वाली उस 23 साल की लड़की ने अपनी हिम्मत आखिरी सांस तक दिखाई, लेकिन हैवानों ने जो उसे दर्द दिया उसके आगे उसे हार मानना पड़ा। आज उसके सारे दर्द का हिसाब होगा।

शहर-शहर मांग रहा है इंसाफ

शहर-शहर मांग रहा है इंसाफ

दिल्ली गैंगरेप के बाद पूरा देश इस परिवार के लिए इंसाफ मांग रहा है। इस गैंगरेप के खिलाफ देश की सत्ता तक को लोगों ने हिला दिया।

मिल सकती है सजा-ए-मौत

मिल सकती है सजा-ए-मौत

दिल्ली गैंगरेप के चारों आरोपी पवन, विनय, मुकेश और अक्षय ठाकुर को आज कोर्ट सजा सुनाएंगी। इन पर आईपीसी की कई धाराओं के तहत ममाला दर्ज किया गया था। जिन धाराओं में उन्हें आरोपी बनाया गया है, ऐसे में उन्हें फांसी की सजा मिल सकती है।

छठे नाबालिग आरोपी को मिली 3 साल की सजा

छठे नाबालिग आरोपी को मिली 3 साल की सजा

दिल्ली गैंगरेप मामले में छठे नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड पहले ही सजा सुना चुकी है। उसे बोर्ड द्वारा दोषी मानते उसे सुधरने का मौका देते हुए बाल सुधार कानून के तहत 3 साल की सजा सुनाए गई। उसे मिली इस सजा पर कई सवाल खड़े हुए।

16 दिसंबर की काली रात

16 दिसंबर की काली रात

देश भर को झकझोर देने वाली ये वारदात 16 दिसंबर, 2012 की सर्द रात को हुई। चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल की छात्रा के साथ 6 दरिंदों ने जो हैवानियत दिखाई उसने पूरे देश को झगझोर दिया।

आरोपियों के परिवार को अब भी आस

आरोपियों के परिवार को अब भी आस

दिल्ली गैंगरेप केस के जिन 4 आरोपियों पर फैसला आना है, उनमें से एक अक्षय ठाकुर के परिवारवालों ने उसे निर्दोष बताया है। उसकी मां का कहना है कि कोर्ट पर भरोसा है।

डर से की खुदकुशी

डर से की खुदकुशी

दिल्ली गैंगरेप का मुख्य आरोपी राम सिंह पहले ही तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर चुका है। अपने किए पर उसे पछतावा था। जिसके कारण उसने जेल के अंदर ही फांसी लगा ली

English summary
A special court is pronounce its verdict in the December 16 gangrape and murder case that shook the collective conscience of the country.
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