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दुराचार के खिलाफ आवाज़ उठायी देश की साहसी बेटियों ने

By सुयश मिश्रा
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लखनऊ। महिलाओं के जज्बे को सलाम करते हुए अखिल भारतीय जनवादी महिला समित के नौवें राज्य सम्मेलन की शुरुआत हुई। अप्रतिम शौर्य व पराक्रम से जीवन में संघर्ष करते हुए सच्चाई की लड़ाई लड़ रही बुलन्दशहर की महविश, कानपुर की साक्षी व अम्बेडकरनगर की अरुणिमा सिन्‍हा को सम्मानित किया गया। संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षाग्रह में आयोजित इस कार्यक्रम में समिति की प्रदेश अध्यक्षा जरीना खुर्शीद, वृंदा करात, मधु गर्ग, सहबा फारूक़ी सहित तमाम सदस्य मौजूद थे।

आमिर खान के शो सत्यमेव जयते से चर्चा में आईं बुलन्दशहर की महविश ने जब मंच पर अपनी वेदना सुनाई तो उपस्थित लोग भी आंसू बहाए बिना रूक न सके। कानपुर की साक्षी ने आवाम को जगाते हुए दुराचारियों के खिलाफ सशक्त कार्यवाही की बात कही।

आशियाना रेप केस में पीडि़ता के पिता ने देश की बेटियों से गुहार लगाई कि अब बेटियों को आवाज़ उठाना सीखना होगा और इन गुनहगारों से लड़कर उन्हें सिकस्त देनी होगी ताकि भविष्य में किसी भी बेटी की तरफ वे आंख उठाकर न देख सकें। कृत्रिम पैरों के बावजूद भी हिमालय की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फराने वाली प्रथम बिकलांग महिला माउण्टेनियर बनी अरूनिमा सिन्हा ने कहा कि विकलांगता मानसिकता में होती है। यदि आपमें लगन है कुछ करने की, कुछ पाने की तो आपको कोई रोक नही सकता। बस जरूरत है दृड़ निश्चय की।

वह दिन रात मेहनत करती है

वह दिन रात मेहनत करती है

एडवा की उपाध्यक्ष वृन्दा करात ने सवाल उठाया कि एक महिला जो पुरूष के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर चलती है। अपने परिवार का पेट पालने के लिए वह दिन रात मेहनत करती है। फिर उसे पुरूषों के समान जीने का अधिकार ये समाज क्यों नही देता। क्यों बसों व चैराहों पर से देर रात गुजरने वाली महिलाओं को लोगों की नज़रें घूरने लगती हैं। उनका खुली छतों पर बैठना लोगों को गवारा नही होता।

सुन्दर समाज की स्थापना

सुन्दर समाज की स्थापना

कार्यक्रम में सुभाषिनी अली ने कहा 1971 में संगठन के स्थापित होने के बाद से हम यह कह सकते हैं कि औरते अपने अधिकार के लिए लड़ना ही नही जानती बल्कि निष्ठावान तरीके से लड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि पुरूष प्रधानता का आवरण जब तक समाज में पड़ा रहेगा महिलाएं प्रताड़ना का शिकार होती रहेंगी। हमे ये प्रथा बदलनी होगी तब एक सुन्दर समाज की स्थापना हो सकेगी।

देश की बेटियों से गुहार

देश की बेटियों से गुहार

आशियाना रेप केस में पीडि़ता के पिता ने देश की बेटियों से गुहार लगाई कि अब बेटियों को आवाज़ उठाना सीखना होगा और इन गुनहगारों से लड़कर उन्हें सिकस्त देनी होगी ताकि भविष्य में किसी भी बेटी की तरफ वे आंख उठाकर न देख सकें।

महिलाओं पर हिंसा का विरोध

महिलाओं पर हिंसा का विरोध

इस मौके पर लखनऊ के कई गर्ल्‍स कॉलेजों की छात्राओं ने भी बढ़चढ़कर हिस्‍सा लिया। सभी ने एकजुट होकर महिलाओं पर हिंसा का विरोध किया।

गीतों से लोगों का मन मोह लिया

गीतों से लोगों का मन मोह लिया

जनवादी गीतकार कुल्दीप ने अपने गीतों से लोगों का मन मोह लिया। वहीं शिया कॉलेज के आनन्द शर्मा के निर्देशन में भ्रूण हत्या पर आधारित नाटक व ऑनरकिलिंग पर मूक अभिनय की प्रस्तुति कॉलेज के छात्रों द्वारा की गई। भातखण्डे की छात्रा भावना ने अपने नृत्य से लोगों को आकर्षित किया।

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English summary
Brave daughters of India including Mountaineer Arunima Sinha demanded to stop crime against women.
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