वंजारा की वो चिट्ठी जिसने मचाया बवाल, निशाने पर आए मोदी
नयी दिल्ली। सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में आरोपी और पिछले 6 साल से जेल में कैद गुजरात सरकार के निलंबित आईपीएस डीजी वंजारा ने नरेन्द्र मोदी की मुश्किलें बढ़ा दी है। में जेल में कैद निलंबित डीआईजी वंजारा की चिट्ठी से सियासी घमासान मच गय़ा है। वंजारा ने 10 पन्नों की लिखी चिट्ठी लिखकर मोदी और उनके करीबी अमित शाह को कठघरे में खड़ा कर दिया है। वंजारा का कहना है कि अगर उन्हें आज जेल की कैद भुगतनी पड़ रही है तो खुद मोदी सरकार को भी आज उसी गुनाह में जेल में कैद होना चाहिए।
दरअसल वंजारा ने अपनी चिट्ठी में मोदी पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि फार्जी मुटभेड़ मोदी सरकार के कहने पर किए गए। वंजारा की चिट्ठी ने अब सियासी घमासान मचा दिया है। तमाम सियासी दल बीजेपी और गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं।
वंजारा की चिट्ठी ने तो कांग्रेस को मौका दे दिया है। कांग्रेस मोदी से इस्तीफे की मांग कर रही है। कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि वंजारा ने जो खुलासे किए है, उसके बाद मोदी को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं पीएम बनने का ख्वाब देख रहे मुलायम सिंह की पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि बंजारा की चिट्ठी से मोदी की असलियत सामने आ गई है।
विरोधियों के साथ-साथ सहयोगियों ने भी उठाई उंगली
वंजारा की चिट्ठी के बाद जहां विरोधी मोदी के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे है तो वहीं सहयोगी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी वंजारा की चिट्ठी के बाद मोदी पर सवाल खड़ा कर दिया है। शिवसेना नेता सांसद संजय राउत ने कहा कि वंजारा ने जान पर जोखिम डाल कर एनकाउंटर किया। ऐसे एनकाउंटर सरकार के आदेश पर होते हैं। ज़िम्मेदारी सरकार की होती है।जेडीयू ने भी निकाली भड़ास, मोदी पर किया हमला-
बीजेपी से मोदी के कारण अपना रिश्ता खत्म कर चुकी जेडीयू ने भी मौका का फायदा उठाया और अपनी भड़ास निकाल दी। जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि वंजारा की चिट्ठी से साफ है कि मोदी और शाह की जानकारी में सब हुआ था और एनकाउंटर फर्जी था। जेडीयू नेता साबिर अली ने कहा कि नरेंद्र मोदी पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
आरोपों पर बीजेपी का जवाब-
मोदी पर लगे आरोपों के बाद विरोधियों को जबाव देने के लिए बीजेपी भी तैयार है। बीजेपी विपक्ष के आरोपों का बखूबी जवाब दे रही है। बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सुरेश कलमाड़ी, कनीमोड़ी, जगदीश टाइटलर, सब ज़मानत पर बाहर घूम रहे हैं। एक आईपीएस अधिकारी ने चिट्ठी के जरिए अपनी कुंठा निकाल भी दी तो क्या बुराई है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट यह सब करवा रहा है। खबर ये भी है कि मोदी सरकार ने आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है।
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
गुजरात के मुख्य सचिव को संबोधित 10 पृष्ठों के धमाकेदार पत्र पर में वंजारा ने जेल में बंद अधिकारियों का साथ नहीं निभाने के लिए कहा है कि इस रीढ़हीन गुजरात सरकार ने मेरी निष्ठा, विश्वास और समर्पण को कैद कर लिया था।
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
मीडिया 1 सितंबर को साबरमती जेल से लिखे गए इस पत्र में मोदी के भरोसेमंद शाह पर गुजरात और राजस्थान के 32 पुलिस अधिकारियों को धोखा देने का आरोप लगाया गया है।
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
वंजारा ने लिका है कि यदि वे और उनके सहयोगियों को 'कथित फर्जी मुठभेड़' आरापी बनाया जाता है तो सीबीआई को 'नीति निर्माताओं को भी हमारी तरह ही गिरफ्तार करना होगा, क्योंकि क्षेत्राधिकारी के रूप में हमने सिर्फ इस सरकार की सुविचारित नीतियों को ही लागू किया है।'
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
उन्होंने लिखा है, "मेरा स्पष्ट मानना है कि इस सरकार को गांधीनगर की जगह नवी मुंबई के तालोजा केंद्रीय काराया या अहमदाबाद के साबरमती केंद्रीय कारागार में होना चाहिए।"
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
वंजारा ने लिखा है कि "तर्क बेहद मामूली है कि सरकार और पुलिस एक ही कश्ती में सवार हैं और एक साथ ही तैरे या डूबेंगे। किसी को भी दूसरे को डुबोने का प्रयास कर बचने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।"
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
वंजारा ने शाह पर खुद को बचाने के लिए 'घिनौनी युक्ति' अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि शाह ने पुलिस अधिकारियों को धोखा दिया ताकि वे डूबने से अप्राकृतिक मौत का शिकार हो जाएं।
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
वंजारा ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि, "इस तरह का आत्मघाती कदम अपना कर इस सरकार ने और कुछ नहीं किया, बल्कि यह खुद के डूबने की जल्दबाजी और इंतजाम में जुटी है।"
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
वंजारा ने अपनी चिट्ठी में नरेंद्र मोदी को भगवान की तरह माना है। उन्होंने लिखा है, "लेकिन मुझे यह कहते हुए खेद हो रहा है कि मेरा भगवान अमितभाई शाह जैसे शैतान के प्रभाव से नहीं उबर सका।"
वंजारा के चिट्ठी के कुछ अंश
उन्होंने कहा है, "उनकी (शाह की) प्रदेश के प्रशासन पर अपवित्र पकड़ ऐसी है कि वे करीब-करीब परोक्ष रूप से गुजरात की सरकार को चला रहे हैं।"