आसाराम को जेल यानी हिंदू धर्म का अपमान: सिंघल
जोधपुर। आखिरकार अपने आप को भगवान कहने वाले आसाराम बापू को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि उनकी जमानत की याचिका पर आज सुबह 11 बजे सुनवाई होगी लेकिन कानून मित्रों की माने तो आसाराम की जमानत होना काफी मुश्किल है। आसाराम की गिरफ्तारी से जहां पीड़ित के परिवार वालों ने राहत की सांस ली हैं वहीं देश का एक हिस्सा उनका पुतला फूंक रहा है तो उनके समर्थक पुलिस के ही खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
तो कुछ ने इसे धर्म और राजनीति से जोड़ दिया है। वीएचपी ने कहा है कि आसाराम को जेल भेजना हिंदू धर्म का अपमान है। विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल ने हैदराबाद में कहा कि आसाराम जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को 16 साल की लड़की के रेप केस में गिरफ्तार करना और जेल भेजना हिंदू धर्म का और आसाराम का अपमान है। जिसके कारण कई टीवी चैनलों और कॉलेजों में सिंघल भी आलोचना का शिकार हुए।
तो वहीं आसाराम को सोमवार की रात जोधपुर सेंट्रल जेल में गुजारनी पड़ी आम कैदियों की तरह। जेल सुपरिटेंडेंट ने पहले ही साफ कर दिया था कि आसाराम को कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी, उन्हें एक आम कैदी की तरह ही रखा जाएगा। आसाराम को एक दरी, एक कंबल, एक मग और एक कटोरी दी गयी है।
गौरतलब है कि शनिवार रात 1 बजे इंदौर के आश्रम से आसाराम की गिरफ्तारी हुई थी, उन्हें पूरी रात एयरपोर्ट पर बितानी पड़ी उसते बाद उन्हें जोधपुर लाया गया था। जहां स्थानीय अदालत ने रेप के आरोपी आसाराम बापू को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था, जहां उनकी मर्दानिगी की जांच हुई थी जिसमें वह पॉजीटिव पाये गये ।उसके बाद सोमवार को कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आसराम ने जेल जाते समय भी अपना रटा-रटाया जुमला दोहराया और कहा कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं।
आसाराम के खिलाफ बच्चों को यौन अपराधों से बचाने से संबंधित कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है। मालूम हो कि यूपी के शाहजहांपुर की सोलह साल की नाबालिग लड़की ने आसाराम बापू और उनके चेलों पर रेप का आऱोप लगाया था। नाबालिग लड़की ने बताया है कि आसाराम बापू और उनके चेलों ने मिलकर उसके साथ राजस्थान के आश्रम में यौन-शौषण किया है।