9/11 के बाद नाटो सेना से टक्कर लेना चाहता था भटकल
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। आतंक का आका, इंडियन मुजाहिद्दीन का सह संस्थापक और भारत में लगभग 600 लोगों के खून से अपना हाथ रंगने वाला यासीन भटकल अमेरिका पर हमले (9/11) के बाद अफगानिस्तान में नाटो बलों से मुकाबला करना चाहता था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद वह गठबंधन बलों से भिड़ना चाहता था।
उल्लेखनीय है कि कई देशों में पांच सालों तक भागने के बाद बीते गुरुवार को यासिन भटकल को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में भटकल कई ऐसे अहम राज उगल रहा है जिससे आतंक के साथ ही साथ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का चेहरा भी बेकनाब होता जा रहा है। पूछताछ में भटकल ने कबूल किया कि उसके पाकिस्तानी आकाओं ने उसे फरवरी 2013 में हैदराबाद में धमाकों का निर्देश दिया था।
एक अधिकारी ने बताया कि भटकल ने 2011 में बाहरी दिल्ली के नागलोई में एक हथियार बनाने की फैक्ट्री भी लगाई थी। वह दिल्ली में रॉकेट लांचर और एलएमजी (लाइट मशीनगन) बनाना चाहता था। हथियार फैक्ट्री में न केवल पारंपरिक हथियार बनाने की क्षमता वाले उपकरण और मशीनरी थी, बल्कि इसमें गोला-बारूद भी बनाया जा सकता था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 9/11 के हमले के बाद जब अमेरिका ने तालिबान के खिलाफ अभियान छेड़ा था, तो उस समय 18 साल का रहा भटकल अफगानिस्तान में नाटो बलों के खिलाफ लड़ना चाहता था। देशभर में विभिन्न आतंकवादी हमलों की जांच में अपने करियर का लंबा समय लगाने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भटकल बहुत अधिक महत्वाकांक्षी है और उसके ऊपर जुनून सवार था।
गिरफ्तारी के संबंध में अधिकारी ने बताया कि अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी और उससे हुई पूछताछ के आधार पर भटकल की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों मामले अलग हैं। दोनों को आपस में नहीं जोड़ा जा सकता। सूत्रों के मुताबिक, भटकल ने पूछताछ में बताया है कि फरवरी, 2013 में हैदराबाद के दिलसुखनगर में हुए धमाकों के लिए उसने ही विस्फोटक पहुंचाए थे।