भारी हंगामें के बीच भूमि अधिग्रहण बिल लोकसभा पेश
नयी दिल्ली। रुपए कि गिरते स्तर को लेकर सदन में विपक्षी पार्टी बीजेपी का हंगामा जोरों पर था। विपक्षी हंगामा को नजर अंजाद और इंडस्ट्री की तमाम नाराजगी को दरकिनार करते हुए सरकार ने जमीन अधिग्रहण बिल को लोकसभा में पेश कर दिया। खाद्य सुरक्षा बिल में मिली सफलता से उत्साहित सरकार ने अब भूमि अधिग्रहण बिल को पास करने पर आमादा है।
विपक्ष के हंगामा के बाद एक घंटे के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास विधेयक पेश कर दिया। विभिन्न दलों के सदस्य लगातार यह मांग करते रहे कि प्रधानमंत्री सदन में उपस्थित हों और रुपये की गिरावट को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दें। इसके बाद सदन की कार्यवाही 12.30 बजे के लिए स्थगित कर दी गई।
इस महत्वपूर्ण विधेयक में कहा गया है कि निजी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण से पहले 80 प्रतिशत भूस्वामियों और सार्वजनिक-निजी परियोजनाओं के लिए 70 प्रतिशत भूस्वामियों की सहमति लेना अनिवार्य होगा।
सरकार की इस भूमि अधिग्रहण बिल के तहत जमीन खरीदने वाले को भारी हर्जाना देना होगा। गांवों में जमीन अधिग्रहण करने पर हर्जाना जमीन की कीमत का 4 गुना होगा जबकि शहरों में हर्जाने की कीमत जमीन की कीमत का 2 गुना होगी। निजी कंपिनयों के लिए 80 फीसदी जमीन मालिकों की मंजूरी जरूरी होगी। पीपीपी प्रोजेक्ट के लिए 70 फीसदी जमीन मालिकों की मंजूरी जरूरी होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।