हाईकोर्ट के रिटार्यड जज करेंगे किश्तवाड़ा दंगे की जांच
श्रीनगर। किश्तवाड़ में नौ अगस्त को भड़की सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की अध्यक्षता जम्मू एवं कश्मीर और राजस्थान उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश रह चुके न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) रतन चंद गांधी करेंगे। सामान्य प्रशासन की ओर से 23 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर जांच आयोग अधिनियम 1962 की धारा तीन के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए जांच आयोग का गठन किया है।
एक सदस्यीय आयोग उन परिस्थितियों की जांच करेगा, जिससे किश्तवाड़ में हिंसा भड़की और धन-जन की हानि हुई। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि आयोग स्थिति संभालने में प्रशासनिक चूक के आरोपों की भी जांच करेगा। आयोग को अधिसूचना जारी होने के एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
इस बीच राज्य सरकार ने किश्तवाड़ हिंसा की दंडाधिकारी से जांच के लिए जम्मू संभाग के आयुक्त को नियुक्त किए जाने के अपने पूर्व के आदेश वापस ले लिए। किश्तवाड़ हिंसा में तीन लोग मारे गए थे और बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक शहर के कुलीद इलाके में कुछ लोगों ने ईद की नमाज के बाद राष्ट्र विरोधी नारे लगाए। ऐसे लोगों पर दूसरे समूह के लोगों ने हमला बोल दिया जिससे तनाव पैदा हो गया। जिला प्रशासन की मदद के लिए सेना बुलाई गई और अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया। शहर में 13 दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।