क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

टुंडा का खुलासा, पाकिस्‍तान में दाऊद को प्रोटोकॉल देती है ISI

Google Oneindia News

नयी दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। आतंक की दुनिया में बम गुरु के नाम से प्रसिद्ध, लश्कर ए तैयबा का शीर्ष कमांडर, अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम का खासमखास और विस्फोट की करीब 40 घटनाओं को अंजाम देने वाला अब्दुल करीम टुंडा को दिल्‍ली पुलिस ने शुक्रवार को भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद से ही दिल्‍ली पुलिस इस बात का दावा कर रही थी कि टुंडा देश के सबसे बडे दुश्‍मन और अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में अहम सुराग मिलेंगे और हुआ भी ऐसा ही। पूछताछ में टुंडा ने इस बात का खुलासा किया है कि डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में आईएसआई के सुरक्षा कवच में रहता है।

टुंडा ने खुलासा किया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोग न सिर्फ रात-दिन दाऊद की हिफाजत के लिए कराची स्थित उसके घर पर तैनात रहते हैं, बल्कि उसके घर से बाहर निकलने पर सुरक्षा घेरे में उसका रूट भी निर्धारित करते हैं। टुंडा के मुताबिक वर्ष 2000 में दाऊद ने खुद उससे मिलने की इच्छा जताई थी। इसके बाद वह कई बार उससे मिला। दाऊद पाकिस्तान में सुल्तान शाह के नाम से जाना जाता हैुं। वहीं नब्बे के दशक में बम धमाकों की झड़ी लगाकर बेगुनाहों को मौत की नींद सुलाने वाले अब्दुल करीम टुंडा पूछताछ के दौरान टुंडा ने अपना गुनाह भी कबूल किया है।

Dawood safe under ISI cover, says Tunda.
टुंडा ने स्वीकार किया कि आईएसआई और लश्कर के इशारे पर उसने ही अपने नेटवर्क का प्रयोग कर बम धमाके कराए थे। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त एमएम ओबेरॉय के अनुसार, पूछताछ में टुंडा सहयोग कर रहा है। कभी-कभी उसे पुरानी बातें याद करने में थोड़ी दिक्कत आ रही है, लेकिन जितना उसे याद है, बता रहा है। टुंडा ने बम धमाकों को अंजाम देने के लिए युवकों को भर्ती करने, उन्हें प्रशिक्षण देने तथा बम उपलब्ध कराने की बात स्वीकार की है।

पिलखुवा का रहने वाला है

दिल्ली से महज 70 किलोमीटर दूर पिलखुवा के रहने वाले अब्दुल करीम टुंडा का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया जब 1993 में मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट हुए। 26/11 मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान सरकार को भारत की तरफ से सौंपी गई मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में अब्दुल करीम टुंडा का नाम 15 वें नंबर पर था। 'बम गुरु' टुंडा को हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू और गुजराती भाषाओं में धारा प्रवाह बोलने में माहिर माना जाता है। दिसंबर 1993 में मुंबई समेत देश के विभिन्न हिस्सों में कई ट्रेनों में विस्फोट हुए थे। पता चला कि विस्फोटों का मास्टर माइंड सईद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा है। इसके बाद दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अशोक नगर में छापा मारा। छापे से पहले ही टुंडा फरार हो गया था।

उसके घर में सुरक्षा एजेंसियों को भारी तादाद में विस्फोटक, डेटोनेटर, पाक में बने हथियार और उर्दू में लिखे आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। 1994 में गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में हुए बम विस्फोट में 19 लोग मारे गए थे। इस विस्फोट में भी टुंडा का नाम सामने आया। टुंडा के बारे में सूचनाओं के अनुसार 1982 में अचानक वह पत्नी जरीना को छोड़कर कई माह तक घर से गायब रहा। बाद में जब लौटा तो गुजरात के अहमदाबाद से मुमताज नाम की 18 साल की युवती से निकाह करके ले आया था, जबकि उसकी उम्र उस समय 42 वर्ष की थी। उल्‍लेखनीय है कि अब्दुल करीम का नाम टुंडा नहीं था बल्कि एक बम धमाके में उसका बांय पैर खराब हो गया था। पैर खराब होने के चलते उसे उसके साथी टुंडा कहने लगे थे।

English summary
Abdul Karim Tunda, a very close aide of Dawood Ibrahim, who was arrested by the Delhi Police Special Cell is singing like a canary. Thus, proving close alliances with the Pakistani ISI and the military in executing the 26/11 attacks.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X