स्पेशल मिशन पर था 'बम गुरु' टुंडा, CWG से पहले थी धमाके की साजिश
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। आतंक की दुनिया में बम गुरु के नाम से प्रसिद्ध, लश्कर ए तैयबा का शीर्ष कमांडर, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का खासमखास और विस्फोट की करीब 40 घटनाओं को अंजाम देने वाला अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस ने भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है। टुंडा की गिरफ्तार काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि उससे पूछताछ में मोस्टवांटेड दाऊद इब्राहिम के बारे में जानकारी मिल सकती है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि टुंडा को भारत-नेपाल सीमा पर शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है और उसे शनिवार को दिल्ली की एक अदालत के पेश करने के बाद तीन के रिमांड पर लिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने अपने कांफ्रेंस में बताया कि टुंडा के पास से पाकिस्तान से जारी किया गया एक पासपार्ट मिला है। पुलिस ने बताया कि ये पासपोर्ट 23 जनवरी 2013 को अब्दुल कदूस के नाम से जारी किया गया है। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने जो सबसे बड़ा खुलासा किया है वो ये है कि टुंडा दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों से पहले धमाके की तैयारी में था। टुंडा के हिस्ट्रीशीट खोलते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि 1998 के दिल्ली धमाकों में टुंडा का हाथ था।
बम गुरु कैसे बना टुंडा?
सूत्र के मुताबिक, वह पिलखुवा में हैंडलूम में काम करता था। रंगाई के बाद अमोनियम नाइट्रेट और पोटैशियम क्लोरेट से कपड़े में चमक पैदा करने वाला केमिकल तैयार करने में उसे मास्टर माना जाता था। पाकिस्तान की आईएसआई ने उस पर डोरे डाले। इसके बाद वह अमोनियम नाइट्रेट और पोटैशियम क्लोरेट को मिलाकर बम तैयार करने लगा। ऐसे ही एक दिन बम तैयार करते समय विस्फोट होने से उसका दाहिना हाथ बेकार हो गया, जिसके बाद उसका नाम अब्दुल करीम टुंडा हो गया।