मनमोहन को ललकारने के लिये मोदी ने क्यों चुना भुज?
अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला करने के लिये भुज के लालन कॉलेज से अपना भाषण दिया। जरा सोचिये आखिर क्या कारण होंगे, जिनके चलते मोदी ने भुज को ही रणभूमि के रूप में चुना।
इसका सबसे पहला कारण है कि देश में नरेंद्र मोदी ही एक मात्र मुख्यमंत्री हैं, जो 15 अगस्त के दिन कभी राजधानी से भाषण नहीं देते हैं। वो राज्य के किसी एक शहर को चुनते हैं और वहां से प्रदेशवासियों का आह्वान करते हैं। दूसरा सबसे बड़ा कारण है पाकिस्तान बॉर्डर के करीब होना। असल में भुज कच्छ बॉर्डर से मात्र 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से देशभक्ति की आवाज़ उठी, तो उसमें ज्यादा दम होगा।
तीसरा बड़ा कारण है गुजरात का विकास। 2001 में भूकंप के बाद भुज किस तरह तबाह हुआ था, यह हम सभी जानते हैं। मोदी ने उसी भुज को एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा कर दिया, जो 2001 के भूकंप का केंद्र था। यहां से भाषण देने में मोदी को खुद भी गर्व महसूस हो रहा होगा।
अगर इतिहास के पन्ने पलटें तो यह भूमि 15वीं सदी से इतिहास में दर्ज है। इसे राव हमीरजी ने 1510 में स्थापित किया था और राव खेंगारजी ने 1549 में इसे राजधानी का दर्जा दिया था। 1947 से लेकर 1956 तक कच्छ राज्य की राजधानी भुज ही थी। कच्छ देश का सबसे बड़ा जिला है। और यहीं पर 1822 में स्वामीनारायण संप्रदाय के सबसे पहले बनाये गये मंदिरों में से एक है। लिहाजा गुजराति इसे धार्मिक स्थल के रूप में पवित्र भूमि भी मानते हैं।