सस्पेंशन रद्द कर दुर्गा की शक्ति वापस दिला सकती है केंद्र सरकार
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में रेत खनन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने के कारण राज्य की समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार के कोपभाजन का शिकार बनीं गाजियाबाद की परगना अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के साहस की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के कई अधिकारियों ने सराहना की है और कहा है कि केंद्र सरकार उनके निलंबन को रद्द कर सकती है।
पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की सहमति के बगैर किसी आईएएस अधिकारी को दंडित नहीं किया जा सकता। नागपाल के मामले में केंद्र सरकार उनके निलंबन के आदेश को रद्द कर सकती है। 2009 बैच की आईएएस अधिकारी नागपाल को सपा सरकार ने 29 जुलाई को गाजियाबाद के एक गांव में एक मस्जिद की दीवार गिराए जाने का आदेश देने पर निलंबित कर दिया था।
राज्य सरकार का आरोप है कि इससे क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहाद्र्र बिगड़ सकता था। प्रभात कुमार ने आईएएस के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार किसी आईएएस अधिकारी को बिना कारण निलंबित नहीं कर सकती। इसके अलावा राज्य सरकार को इसकी जानकारी तीन महीने के भीतर केंद्र सरकार को देनी पड़ती है। राज्यसभा के महासचिव वीके अग्निहोत्री ने कहा कि नागपाल को दंडित किए जाने से पहले राज्य सरकार को उन्हें अपने खिलाफ आरोपपत्र का जवाब दिए जाने का अवसर देना चाहिए था।
इसके बाद उस पर एक विस्तृत जांच बिठाई जानी चाहिए थी। पूर्व केंद्रीय गृह सचिवों जीके पिल्लई और आरके सिंह ने भी कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार की राय लेनी चाहिए थी। पिल्लई ने कहा कि केंद्र सरकार के पास निलंबन के आदेश को रद्द करने का अधिकार है। आरके सिंह ने कहा कि अगर वह केंद्र सरकार से अनुरोध करती हैं, तो केद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप कर सकती है।