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सावधान! ईद की सिवईयों में न मिल जाये मिलावटी दूध

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लखनऊ (ब्यूरो)। ईद और रक्षाबंधन दोनों ही पर्व नजदीक है और दूध की मिलावट का सिलसिला शुरू हो गया है। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाकर जहां गाय भैसों से सारा दूध निचोड़ा जा रहा हं वहीं सोडा, यूरिया और अन्य पदार्थ की मिलावट किए जाने का भी अंदेशा जोर पकड़ चुका हैं। अब जरुरी हो गया हा कि आप इन दिनों दूध जांच कर ही खरीदे।

दूध की जांच के कई साधारण तरीके हैं। थोड़े से दूध को चिकनी सतह पर डाले। दूध बिना निशान छोड़े बहे तो उसमें पानी की मिलावट है। दूध जितना शुद्ध होगा, उतना गहरा निशान छोड़कर बहेगा। दूध के नमूने में एथिल अलकोहल व रोजोलिक अम्ल की कुछ बूंदे डाले तो मिलावट होने पर रंग लाल हो जाएगा। यह दूध में सोडियम बाइकाबरेनेट होने का प्रमाण है। दूध के नमूने में यूरिपेज एंजाइम डालकर उसे हिलाएं। फिर कुछ बूंद पोटेशियम काबरेनेट डालकर उस पर फिल्टर पेपर रख दे। फिल्टर पेपर लाल रंग और फिर हरा रंग यूरिया मिला होने का प्रमाण है।

Contaminated milk in market before Eid-ul-fitr

लखनऊ में दिसंबर व जनवरी माह में दुग्ध संघ ने दूध में मिलावट की जांच के लिए शिविर लगाया था। इसमें 300 नमूनों का परीक्षण किया गया तो 280 नमूनों में पानी व सोडा, 18 में यूरिया व दो में फार्मोलिन की मिलावट पायी गई। ऑक्सीटोसिन चार साल से एक प्रतिबंधित दवा है जो सिर्फ डॉक्टर के नुस्खे पर ही मेडिकल स्टोर से दी जाती है लेकिन हकीकत में यह जनरल स्टोरों में भी उपलब्ध है, प्रतिबंध से पहले इसका 5 एमएल का एक वायल 50 पैसे का मिलता था जो अब 3 से 4 रुपये में मिलता है। लंबे समय तक ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन वाले दूध के इस्तेमाल से शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।

दूध की बढ़ी मांग पूरी करने के लिए पशुओं को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का दर्द और उपभोक्ताओं को इसके साइड इफेक्ट झेलने पड़ सकते हैं। विभिन्न वैज्ञानिक संस्थाओं के दूध में मिलावट के पिछले नतीजे बताते हैं कि करीब 90 फीसद तक नमूनों में ऑक्सीटोसिन की मात्रा पाई गई है। इन नतीजों ने ईद के मद्देनजर चिंता बढ़ा दी है। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाने से दुधारू पशु जल्दी और पूरी मात्रा में दूध देते हैं जबकि सामान्य स्थिति में वह स्वपोषण और अपने बच्चों के लिए दूध बचा लेते हैं। इंजेक्शन के इस्तेमाल से तात्कालिक तौर पर करीब 15 फीसद तक दूध की मात्र बढ़ जाती है पर वास्तविक उत्पादन नहीं बढ़ता बल्कि पशु के शरीर में बचा हुआ दूध भी बाल्टी में आ जाता है। आम दिनों में राजधानी में प्रति व्यक्ति 200 एमएल के हिसाब से रोजाना साढ़े सात से आठ लाख लीटर दूध की मांग होती है।

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English summary
Many black marketeers are selling contaminated milk in the market as the demand is on rise due to Eid-ul-fitr festival of Muslims.
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