तेलंगाना के बाद गोरखालैंड को अलग करने की मांग तेज, आत्मदाह के प्रयास
दार्जिलिंग। केन्द्र की सत्तारुढ़ गठबंधन पार्टी ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी है। सरकार के फैसले के बाद अब तेलंगाना अलग राज्य होगा जिसकी राजधानी हैदराबाद होगी। तेलंगाना के बाद देश में अलग राज्यों के लिए हो रही माग का आंदोलन तेज हो गया है। तेलगांना के बाद अलग गोरखालैंड राज्य की मांग के लिए आंदोलन तेज हो गया है। इसके लिए प्रदर्शन शुरू हो गया है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने सैलानियों से अपील की है कि वह इलाका खाली करके चले जाएं। आंदोलनकारियों ने पर्यटकों और विद्यार्थियों को इलाके से बाहर जाने के लिए दो दिन की मोहलत दी है।
दार्जिलिंग के चौक बाजार में लोगों ने फिर गोरखालैंड अलग राज्य के हक में मशाल जुलूस निकाला। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का दावा है कि उनकी मांग तेलंगाना से कहीं ज्यादा पुरानी है। गोरखालैंड गठन की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने बंद का आवाहन किया है। तीन दिनों के बंद के दौरान बंद का खासा असर दिखा। सड़के सूनसान रहीं और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। स्कूल, कॉलेज और बैंक भी नहीं खुले। वहीं कलिंपोंग में एक गोजमुमो युवा समर्थक मंगल सिंह राजपूत ने आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन बंद समर्थक आग को बुझाने में कामयाब रहे। युवक के आत्मदाह के बाद बंद समर्थकों में उत्तेजना फैल गई।
मोर्चे के नेता और गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने यह पद छोड़ने का भी ऐलान कर दिया। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा अब आंदोलन को और तेज करने वाला है। गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन के प्रमुख विमल गुरुंग ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि 3 अगस्त से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर फिर से आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा।
तेलंगाना के बाद अब गोरखालैंड के लिए भड़की आग
यूपीए सरकार ने अलग तेलंगाना राज्य की मांग को मान लिया है। इसके बाद से अब गोरखालैंड की मांग बढ़ गई है। अलग गोरखालैंड की मांग के लिए अब आंदोलन तेज हो गया है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने 3 दिनों के बंद का आवाहन किया है। बंद के दौरान सड़के सूनसान रहीं और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
अलग गोरखालैंड राज्य की मांग तेज
गोरखालैंड की मांग के लिए आंदोलन तेज हो गया है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने 3 अगस्त से आंदोलन के और तेज होने की बात कही है। प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा जवानों की तौनाती कर दी गई है।
पर्टयकों और स्टूडेंट को इलाका खाली करने का फरमान
गोरखालैंड की मांग के लिए आंदोलन भड़क उठी है। दिया। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के संगठन में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही है।
तेलंगाना ने भड़काई गोरखालैंड की आग
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का कहना है कि अगर अलग तेलंगाना राज्य की मांग पूरी की जाती है, तो अलग गोरखालैंड की उनकी पुरानी मांग भी पूरी की जानी चाहिए।
अलग होने के बाद ऐसी होगी तस्वीर
पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों को मिलाकर गोरखालैंड बनाने की माँग ने 1980 के दशक में ज़ोर पकड़ा था। अलग राज्य की मांग में मुख्य रूप से दार्जीलिंग की पहाड़ियों के अलावा उससे लगे सिलीगुड़ी के इलाक़े भी थे।