मिड डे 'मर्डर': 20 मौतों से गरमाई सियासत, नीतीश का मांगा इस्तीफा
पटना। छपरा के सरकारी स्कूल में जहरीला मिड डे मिल खाने बच्चों के मौत का आंकड़ा 20 के पार हो गया है। बीमार बच्चों का इलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा है, जहां 5 बच्चों की हालत काफी नाजुक बनी हुई है। 26 बच्चें अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है। अस्पातल में भर्ती बच्चों का सही इलाज ना हो पाने की खबरें तेजी से फैल रही है।
इन सब बातों से नाराज लोगों का गुस्सा सरकार पर फूट गया है। छपरा में हुए हादसे के बाद बिहार की सियासत गर्मा गई है। सरकार के खिलाफ गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने जगह जगह तोड़फोड़ की और आगजनी की। गुस्साए लोगों ने छपरा में एक पुलिस वैन को आग के हवाले कर दिया। सरकारी वाहनों को भी लोगों ने नुकसान पहुंचाया है।
इस हादसे के खिलाफ बीजेपी और आरजेडी ने आज छपरा बंद का ऐलान किया है। तो वहीं रामविलास पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी ने बिहार बंद का आवाहन किया है। राम विलास पासवान का कहना है कि मरने वाले छात्रों के परिजनों को 2 लाख नहीं बल्कि 20 लाख रुपए मुआवजा मिलना चाहिए, क्योंकि वो महादलित और अति पिछड़ा समुदाय के थे।
पहले बोधगया धमाका फिर जहरीला मिड डे मिल के माले ने नीतीश कुमार को फिर से विरोधियों के सामने खड़ा कर दिया है। अपना बचाव करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर अफ़सोस जताते हुए कमिश्नर और पुलिस के IG से इसमामले के जांच कराने के आदेश दे दिए है। साथ ही मृतक बच्चों के परिवार के लिए 2-2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है। गौरतलब है कि छपरा के गंदामान गांव के प्राइमरी स्कूल में मिड डे मिल खाने से 20 बच्चों की मौत हो गई जबकि 55 बच्चे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है।