लखनऊ में अंडरग्राउंड मेट्रो रेल को मिली हरी झंडी
लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार ने लखनऊ में नॉर्थ-साउथ कॉरीडोर मेट्रो रेल परियोजना को हरी झंडी दे दी है। जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू होगा। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। इसके तहत अमौसी एयरपोर्ट से मुंशी की पुलिया तक करीब 23 किमी के रूट पर मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी। कैबिनेट से मंजूर मेट्रो ट्रेन पहले चरण में अमौसी से चारबाग, विधानसभा, हजरतगंज, लखनऊ विश्वविद्यालय, आइटी चौराहा, पालीटेक्निक चौराहा होते हुए मुंशी पुलिया तक चलेगी और रास्ते में कुल 21 स्टेशन पड़ेंगे जिनमें तीन भूमिगत व 18 एलिवेटेड होंगे।
चारबाग से हजरतगंज के तीन किमी लंबे रूट में रेल अंडरग्राउंड दौड़ेगी। प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन सदाकांत ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि मेट्रो रेल परियोजना को चलाने को लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन का गठन होगा। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के दो अधिनियमों को अंगीकृत करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी। प्रमुख सचिव ने बताया कि केन्द्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की सात जनवरी को जारी मेट्रो रेल नीति में वर्णित परामर्श के मुताबिक प्रस्तावित परियोजना को केन्द्र सरकार के साथ इक्विटी सहभागिता के साथ 50-50 माडल के अनुसार चलाया जाएगा और इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कारपारेशन के माडल को अपनाया जाएगा।
इक्विटी के अलावा शेष धनराशि केन्द्र सरकार के माध्यम से ऋण के रूप में बाहर से जुटाई जाएगी। प्रमुख सचिव ने कहा कि रूट में अंडरग्राउंड आपरेशन को कम से कम रखा जाएगा अंडरग्राउण्ड ट्रैक बनाने में जहां 500 करोड़ प्रति किमी का खर्च आता है वहीं ओवर ग्रांउण्ड की लागत 180-200 करोड़ प्रति किमी आती है। उन्होंने कहा कि पूरी योजना पर 35 से 40 हजार करोड़ की धनराशि खर्च होगी लेकिन पहले चरण में खर्च सात से आठ हजार करोड़ का आ सकता है। उन्होंने सम्भावना व्यक्त की कि परियोजना पर जमीनी काम नवंबर से शुरू हो जाएगा। सचिव आवास राजीव अग्रवाल ने बताया कि पहले चरण के पूरा होने में तीन से पांच वर्ष तक लग सकते हैं।