उत्तराखंड: सेना को दुआएं दे रहे सुरक्षित निकाले गए लोग
लखनऊ। उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के बाद सेना अपने अब तक के अपने सबसे बड़े बचाव अभियान 'सूर्य कमान' के तहत अब भी राहत कार्यो में लगी हुई है। विषम परिस्थितियों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य तेजी से चल रहा है।उत्तराखंड के हर्षिल और तवाघाट के विभिन्न सेक्टरों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
सेंट्रल
कमांड
के
आर्मी
कमांडर
लेफ्टिनेंट
जनरल
अनिल
चेत
स्वयं
लोगों
का
हौसला
बढ़ा
रहे
हैं।
कई
दिनों
तक
फंसे
रहने
और
असुरक्षा
के
साए
में
पल-पल
डर
के
जीने
वाले
लोग
जब
सेना
के
जवानों
के
बीच
महफूज
पहुंच
रहे
हैं
तो
उनके
आंसू
छलक
पड़
जाते
हैं।
कई
बुजुर्ग
महिलाएं
तो
लेफ्टिनेंड
जनरल
अनिल
चेत
से
लिपट
पड़ी
और
लोग
सेना
के
जवानों
को
दुआएं
दे
रहे
हैं।
सेना से मिली जानकारी के मुताबिक, बचाव अभियान के तहत पहाड़ में बचाव कार्य में जुटे सेना के कुशल जवानों ने केदारनाथ मार्ग पर गौरीकुंड और रामबारा के बीच जंगल चट्टी क्षेत्र में लगभग एक हजार लोगों के साथ संर्पक स्थापित किया। सेना प्रभावित लोगों को चिकित्सा और भोजन आपूर्ति भेज रही है। इसके अलावा बद्रीनाथ मार्ग पर गोविंदघाट और लामबागर पैदल चलने वालों के लिए ट्रैक खोल दिया गया है। पूरा रास्ता खोलने के लिए सेना युद्ध स्तर पर जुटी हुई है।
गंगोत्री और हर्षिल के बीच 600 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक हर्षिल और जोशीमठ से सेना के संचारतंत्र का प्रयोग करते हुए 2300 लोग अपने परिवार वालों से संपर्क करके उन्हें अपने सुरक्षित होने की जानकारी दे चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।