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PICS: पानी बना हत्‍यारा, सेना के जवान बने भगवान

By Ajay Mohan
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नई दिल्‍ली। उत्‍तराखंड में बाद फटने के बाद भारी बारिश और फिर भूस्‍खलन के बाद गंगा नदी ने मौत का तांडव रचा। एक लाख से ज्‍यादा लोग इस प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए। श्रीनगर में बाढ़ के कारण कई जगह लैंड स्‍लाइड के चलते इमारतें ध्‍वस्‍त हो गईं। मुंबई और हरियाणा में भारी बारिश से जनजीवन अस्‍तव्‍यस्‍त है और केरल में अब तक 23 लोगों के मरने की खबर है। हम लाये हैं उन जगहों की तस्‍वीरें जहां पर जीवन देने वाला पानी हत्‍यारा बन गया।

पानी ने जब भयावह रूप अपनाया, तो पहाड़ टूटे, हजारों पेड़ उखड़ गये, पत्‍थर टूट-टूट कर गिरे। नदियां उफान पर आ गईं और चारों तरफ लाशें बिछ गईं। सैंकड़ों लाशें गंगा नदी में बह गईं, जिनमें कुछ हरिद्वार में मिलीं तो कुछ बहती हुई आगे निकल गईं। केदारनाथ मंदिर के अंदर सात फुट की ऊंचाई तक रेत भरी हुई है और रेत के अंदर दफ्न हैं लाशें। सेना व आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य के जरिये लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं। हेलीकॉप्‍टर आसमान से शवों की तलाश कर रही है।

मुंबई का हाल ऐसा है कि वहां पर आये दिन बारिश के कारण शहर की लाइफलाइन लोकल ट्रेन प्रभावित हो रही है। केरल में 71 तटीय इलाकों में 374 गांव जलमग्‍न हो गये हैं। यहां 53 करोड़ रुपए से ज्‍यादा का नुकसान हुआ है। हर रोज यहीं पर देखें नई तस्‍वीरें-

केदारनाथ में तबाही के बाद का मंजर

केदारनाथ में तबाही के बाद का मंजर

यह मंजर है केदारनाथ में तबाही के बाद का। बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड के कई इलाकों में अभी भी लगभग 50,000 लोग फंसे हुए हैं।

बचाव कार्य जारी

बचाव कार्य जारी

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शुक्रवार को बताया कि , "हमने 34,000 से अधिक लोगों को निकाल लिया है, मगर तकरीबन 49,000 से 50,000 तक लोग अभी भी वहां फंसे हुए हैं।" शिंदे ने कहा, "मृतकों की संख्या अब तक 207 है, लेकिन मलबे में कुछ और लोग दबे हो सकते हैं।"

हैलीपैड का निर्माण

हैलीपैड का निर्माण

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रमुख अजय चड्ढा ने शुक्रवार को कहा कि केदारनाथ और गौरीकुंड के बीच स्थित जंगलों में फंसे हजारों लोगों को निकालने के लिए उत्तराखंड में हेलीपैडों का निर्माण किया जाएगा। चड्ढा ने कहा कि फिलहाल आईटीबीपी बचाव दल जंगलों में फंसे लोगों को बाहर निकालने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसे देखते हुए राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) और आईटीबीपी ने अधिक से अधिक हेलीपैडों की जरूरत महसूस की है।

हेलीकॉप्‍टर से जायेंगे यहां

हेलीकॉप्‍टर से जायेंगे यहां

केदारनाथ के करीब रामबाड़ा में एक छोटा सा हेलीपैड बनाने का प्रयास चल रहा है, जिससे कि हेलीकॉप्टर वहां उतर सकें और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा सकें। अधिकारी ने कहा, "हम लोगों को बाहर निकालने के लिए हेलीपैडों का निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं। हम फिलहाल केदारनाथ और गौरीकुंड के बीच स्थित जंगलो में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं।"

मध्‍य प्रदेश से आये हेलीकॉप्‍टर

मध्‍य प्रदेश से आये हेलीकॉप्‍टर

उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में फंसे अपने राज्य के लोगों की मदद के लिए मध्य प्रदेश सरकार की ओर से चार हेलीकॉप्टर भेजे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार से उत्तराखंड में आई विपत्ति को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। चौहान के निर्देश पर उत्तराखंड में फंसे प्रदेश के तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा, राहत, बचाव एवं वहां से उन्हें लाने की व्यवस्था के लिए चार हेलीकॉप्टर भेजे जा रहे हैं।

बचाव कार्य जारी

बचाव कार्य जारी

बचाव दल लोगों को बाहर निकालने के लिए सड़कों की मरम्मत भी कर रहे हैं। इस इलाके में नदी की तेज धारा ने सड़कों को बहा दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रशासन अधिक से अधिक हेलीकॉप्टर को बचाव के काम में लगाने के बारे में सोच रहा है, चड्ढा ने कहा कि यहां के हेलीपैड काफी छोटे हैं और यहां एक बार में एक या दो हेलीकॉप्टर ही उतर सकते हैं।

चमोली में बाढ़

चमोली में बाढ़

पांच दिन पहले उत्‍तराखंड में बादल फटने के बाद आयी बाढ़ का यह मंजर चमोली जिले का है, जहां मौत का तांडव देखने को मिला।

कोलकाता में भारी बारिश

कोलकाता में भारी बारिश

कोलकाता में भारी बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई।

दिल्‍ली में यमुना नदी में बाढ़

दिल्‍ली में यमुना नदी में बाढ़

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 204.83 मीटर से नीचे आ गया है। वैसे गुरुवार रात एहतियातन नजदीकी इलाकों से कई लोगों को हटाया गया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी। दिल्ली के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव धरमपाल ने आईएएनएस को बताया, "यमुना का जलस्तर अभी 204.63 मीटर है, जो कि खतरे के निशान 204.83 मीटर के थोड़ा नीचे है।"

यमुना नदी में बाढ़

यमुना नदी में बाढ़

यमुना नदी का जलस्तर बुधवार को 207.25 मीटर तक पहुंच गया था जो 1978 के बाद सबसे ज्यादा था उस दौरान इसका स्तर 207.49 मीटर था।

यमुना किनारे बाढ़ जैसी स्थिति

यमुना किनारे बाढ़ जैसी स्थिति

दिल्ली में नदी का जलस्तर कम हो जाने के बाद से अब तक 5,000 लोगों को उनके निर्जन स्थानों पर स्थित घरों एवं स्थानीय इलाकों से हटाया गया है। दक्षिणी, मध्य और उत्तरी दिल्ली से कई लोगों को गुरुवार रात हटाया गया, इस इलाके में आने वाले दिनों बारिश के बाद बाढ़ आने सम्भावना है।

10 हजार परिवार प्रभावित

10 हजार परिवार प्रभावित

यमुना से सटे कई इलाकों से करीब 10,000 परिवारों को हटाया गया और उन्हें दिल्ली के लगभग 9,000 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। अगले कुछ दिनों मे भारी बारिश से नदी का जलस्तर फिर से बढ़ सकता है।

मैंगलोर में भूस्‍खलन

मैंगलोर में भूस्‍खलन

मैंगलोर में भूस्‍खलन के कारण करीब एक दर्जन लोगों के घायल होने की खबर है। यहां पिछले चार दिन से बारिश हो रही है।

मध्‍य प्रदेश से पहुंचे राहत कर्मी

मध्‍य प्रदेश से पहुंचे राहत कर्मी

मध्य प्रदेश के संस्कृति एवं जनसम्पर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के नेतृत्व में उत्तराखंड भेजे गए दल ने पहुंचते ही राहत-बचाव के कार्य शुरू कर दिए हैं। इस दल को राज्य के जो भी यात्री मिल रहे हैं, उनके भोजन तथा मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है तथा उन्हें वापस लाने के प्रबंध किए जा रहे हैं।

उत्‍तर प्रदेश में कई जिलों में बाढ़

उत्‍तर प्रदेश में कई जिलों में बाढ़

पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सूबे के सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। इस बीच बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। शासन की तरफ से सभी विभागों के आला अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित जिलों में जरूरी व्यवस्थाएं करने तथा राहत कार्यों की निगरानी के लिए जिलों का दौरा करने के आदेश जारी किए गए हैं।

अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ प्रभावित 13 जिलों को दैवीय आपदा मद में से 50-50 लाख रुपये राहत राशि स्वीकृत की गई है। प्रमुख सचिवों को सप्ताह में दो बार इन जिलों के सम्बंधित अधिकारियों से बातचीत कर समस्याओं का निराकरण कराने की हिदायत दी गई है।

मुंबई में बारिश जारी

मुंबई में बारिश जारी

मुंबई में पिछले एक सप्‍ताह से बारिश लगातार जारी है। कई इलाकों में हर रोज जल भराव की स्थिति उत्‍पन्‍न हो रही है।

मुंबई में हाल बेहाल

मुंबई में हाल बेहाल

मुंबई की यातायात व्‍यवस्‍था बुरी तरह चरमरा गई है। कई इलाकों में हर रोज बुरी तरह जाम लग रहा है।

मुंबई की सड़कों पर नाव

मुंबई की सड़कों पर नाव

मुंबई की सड़कों पर आज कल ऐसे नजारे आम हो चुके हैं। लोग परेशान होने के साथ-साथ मस्‍ती भी कर रहे हैं।

मुंबई लोकल

मुंबई लोकल

मुंबई लोकल ट्रेनें इस समय कई इलाकों में पानी को चीरती हुई मोटर बोट की तरह नजर आ रही हैं।

हाल मुंबई लोकल का

हाल मुंबई लोकल का

यह तस्‍वीर चार दिन पहले की है, जब मुंबई में भारी बारिश के कारण लोकल ट्रेनें जाम पड़ गई थीं।

हरिद्वार में बाढ़

हरिद्वार में बाढ़

यह मंजर हरिद्वार की सड़कों का है, जहां पर बाढ़ का पानी घुस आया।

उत्‍तरकाशी में बाढ़

उत्‍तरकाशी में बाढ़

उत्‍तरकाशी में बाढ़ का मंजर कुछ इस प्रकार देखने को मिला।

फरीदाबाद में बाढ़ जैसी स्थिति

फरीदाबाद में बाढ़ जैसी स्थिति

यह मंजर है हरियाणा के फरीदाबाद जिलेका जहां पर बारिश के कारण सड़कें तालाबों में तब्‍दील हो गईं। पिछले चार दिनों से हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर बढ़ गया था। पांच लाख क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज से छोड़ना यमुना के लिए सामान्य बात है। लेकिन आज सिर्फ 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

केरल में 23 की मौत

केरल में 23 की मौत

केरल में एक जून को मानसून आने के बाद हुई भारी बारिश के कारण 23 लोगों की मौत हो गई है, तथा 374 गांवों में करोड़ों रुपये की सम्पत्ति का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने शुक्रवार को राजस्व अधिकारियों के साथ एक बैठक की और जिलाधिकारियों को प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के निर्देश दिए।

चांडी ने बैठक के बाद कहा, "राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित लोगों को मुफ्त राशन दिए जाने का फैसला किया गया है। प्रत्येक परिवार को 2,000 रुपये, भोजन और दवाइयां दी जाएंगी।"

चांडी ने कहा, "तटीय इलाकों में रहने वाले सभी जनजातीय परिवारों और नारियल कामगारों को भी मुफ्त राशन दिए जाएंगे।" 374 प्रभावित गांवों में से 71 तटीय इलाकों में स्थित हैं। विस्थापित परिवारों के लिए इस इलाके में लगभग 50 राहत शिविर खोले गए हैं।

पीड़ितों की मदद करेगा जम्मू एवं कश्मीर

पीड़ितों की मदद करेगा जम्मू एवं कश्मीर

जम्मू एवं कश्मीर कैबिनेट ने शुक्रवार को उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के बाढ़ और भूस्खलन पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए राहत एवं पुर्नवास कोष में एक करोड़ रुपये का योगदान करने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में पीड़ितों के प्रति सहानुभूति एवं एकता दर्शाते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया।

जम्मू एवं कश्मीर की तरफ से यह दान प्रधानमंत्री राहत कोष को दिया जाएगा।

अभी भी फंसे हैं 50,000 तीर्थयात्री

अभी भी फंसे हैं 50,000 तीर्थयात्री

बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड के कई इलाकों में अभी भी लगभग 50,000 लोग फंसे हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ बैठक के बाद शिंदे ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हमने 34,000 से अधिक लोगों को निकाल लिया है, मगर तकरीबन 49,000 से 50,000 तक लोग अभी भी वहां फंसे हुए हैं।"

फरीदाबाद में बाढ़

फरीदाबाद में बाढ़

फरीदाबाद में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।

प्रियजनों की तस्वीरें हाथों में लिए लोग

प्रियजनों की तस्वीरें हाथों में लिए लोग

उत्तराखंड आपदा में लापता अपने प्रियजनों की तस्वीरें हाथों में लिए उनके चिंतित परिजन राज्य की राजधानी देहरादून में किसी सूचना के इंतजार में जमा हैं। दूसरी ओर , केदारनाथ में शुक्रवार को भी लगभग 60,000 लोगों के फंसे होने की खबर है। एक परेशान व्यक्ति ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं अपने पांच लापता रिश्तेदारों के बारे में जानने के लिए पिछले चार दिनों से यहां पड़ा हूं। हम राजस्थान से हैं। लेकिन कोई सूचना नहीं है, और न तो कोई हमारी मदद कर रहा है। गौरीकुंड से यहां पहुंचे लोगों से हमें पता चला है कि वहां पीने का एक बोतल पानी 250 रुपये में बिक रहा है.."

दिल्‍ली में बारिश

दिल्‍ली में बारिश

दिल्‍ली में हुई बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई।

उत्‍तरकाशी में बाढ़

उत्‍तरकाशी में बाढ़

यह मंजर है उत्‍तरकाशी का, जहां पर बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई।

दिल्‍ली में उफान पर

दिल्‍ली में उफान पर

दिल्‍ली में आज कल यमुना नदी उफान पर है। ऐसा इसलिये क्‍योंकि हरियाणा से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।

देहरादून में बाढ़

देहरादून में बाढ़

देहरादून में बाढ़ का मंजर कुछ इस प्रकार है कि यहां लोग नावों पर बैठ कर शवों की खोज कर रहे हैं।

फरीदाबाद में बाढ़

फरीदाबाद में बाढ़

फरीदाबाद में बाढ़ का मंजर कुछ इस प्रकार देखने को मिला।

श्रीनगर में बाढ़ की स्थिति

श्रीनगर में बाढ़ की स्थिति

यह नजारा है श्रीनगर में भूस्‍खलन के बाद बाढ़ का, जहां इमारतें ढह गईं।

मुंबई में बारिश

मुंबई में बारिश

मुंबई में जगह-जगह हर रोज ऐसे नजारे देखने को मिल रहे हैं।

महाराष्ट्र में इमारत ढही, अब तक 7 मरे

महाराष्ट्र में इमारत ढही, अब तक 7 मरे

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मुम्ब्रा शहर में गुरुवार देर रात एक तीन मंजिला इमारत के ढह जाने की घटना में मृतकों की संख्या सात हो गई है, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। ठाणे के पुलिस नियंत्रण कक्ष के अधिकारी ने बताया कि यह घटना गुरुवार रात दो बजे उस वक्त हुई जब 35 साल पुरानी शकुंतला इमारत ढह गई और इसमें सो रहे लोग इसकी चपेट में आ गए।

हादसे में मारे गए सात लोगों में एक तीन महीने का शिशु व एक सात वर्षीय बच्चा शामिल हैं, जबकि 22 लोगों को शुक्रवार सुबह निकाला गया। इमारत के मलबे में एक परिवार सहित पांच से सात लोगों के फंसे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है। ज्ञात खबरों के मुताबिक, नगर निगम ने कुछ समय पहले इस इमारत को खाली कराने का नोटिस जारी किया था बावजूद इसके लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

यमुना नदी में बाढ़

यमुना नदी में बाढ़

यमुना नदी इस समय उफान पर है, जिस वजह से आस-पास के गांवों के लोग फंसे हुए हैं।

केदारनाथ मंदिर की ताज़ा तस्‍वीर

केदारनाथ मंदिर की ताज़ा तस्‍वीर

यह है केदारनाथ के मंदिर का हाल। ताज़ा तस्‍वीर बयां कर रही है तबाही का मंजर।

केदारनाथ मंदिर की ताज़ा तस्‍वीर

केदारनाथ मंदिर की ताज़ा तस्‍वीर

यह है केदारनाथ के मंदिर का हाल। ताज़ा तस्‍वीर बयां कर रही है तबाही का मंजर। जहां हजारों लोग मौत की नींद सो गये।

मृतकों की संख्या 1000 से अधिक हो सकती है

मृतकों की संख्या 1000 से अधिक हो सकती है

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने रविवार को कहा कि राज्य में भारी बारिश के बाद भूस्खलन तथा बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है। बहुगुणा ने कहा, "त्रासदी की रोज नई तस्वीर सामने आ रही है। अंतिम आंकड़े तभी आ सकते हैं, जब राहत व बचाव टीम बारिश से तबाह हो चुके क्षेत्र में पहुंचेगी।"

मध्‍य प्रदेश के हजारों अब भी फंसे

मध्‍य प्रदेश के हजारों अब भी फंसे

उत्तराखंड में आई आपदा में मध्य प्रदेश के हजारों लोग अब भी फंसे है, इन लोगों को सुरक्षित घरों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने जमीन से लेकर आसमान तक के रास्ते से इंतजाम किए हैं। राज्य सरकार की ओर से भेजी गई बसें, हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर पीड़ितों की मदद के लिए उत्तराखंड में तैनात हैं।

बद्रीनाथ केदारनाथ का मंजर

बद्रीनाथ केदारनाथ का मंजर

उत्तराखंड की तीर्थयात्रा पर गए राज्य के हजारों लोग पिछले एक सप्ताह से केदारनाथ, बद्रीनाथ, जोशीमठ आदि इलाकों में फंसे हुए हैं, कई तो दुनिया ही छोड़ गए हैं। यात्रा के दौरान सद्गति को प्राप्त कई लोगों का तो उत्तराखंड में ही अंतिम संस्कार करना पड़ा है। इतना ही नहीं कई परिवारों के सदस्य बाढ़ के बहाव के साथ बह गए हैं, जिनका अब तक कोई पता नहीं चला है।

बारिश की आशंका

बारिश की आशंका

आसमान से बरसी आफत के चलते जो लोग बचे हैं, उन्हें सकुशल बचाया जा सके और जो घायल हैं, उन्हें उपचार मुहैया कराया जाए, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कारगर कदम उठाए गए हैं। राज्य के धर्मस्य व संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा सरकारी अमले के साथ देहरादून में डेरा डाले हुए हैं और वहां चिकित्सा से लेकर दूसरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

क्‍या कहा मध्‍य प्रदेश के सीएम ने

क्‍या कहा मध्‍य प्रदेश के सीएम ने

मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हालात पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने राज्य के प्रभावितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की मदद का एलान किया है। राज्य सरकार की ओर से बस, हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज भी भेजे गए हैं। हेलीकॉप्टर विभिन्न स्थानों में फंसे लोगों को जोशीमठ या देहरादून ला रहे हैं, वहीं हवाई जहाज व बस से राज्य तक सकुशल घरों तक भेजने के प्रबंध किए जा रहे हैं।

मध्‍य प्रदेश से सेवाएं

मध्‍य प्रदेश से सेवाएं

मध्‍य प्रदेश राज्य से परिवहन के साधनों के अलावा चिकित्सक, रक्षक व प्रशासनिक अमले को भी उत्तराखंड भेजा गया है, जो हालात पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावितों को हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं। राहत शिविरों में आ रहे लोगों की जरूरतें पूरी करने के भी प्रबंध किए गए हैं।

केदारनाथ का हाल

केदारनाथ का हाल

राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड भेजे गए हेलीकप्टरों से शनिवार को 63 यात्रियों को गौरीकुंड से सकुशल गुप्त काशी लाया गया। वहां से उन्हें आपदा प्रबंधन की विशेष बसों द्वारा हरिद्वार लाया गया है। प्रदेश के कुछ यात्री घायल और अस्वस्थ हैं, जिन्हें देहरादून स्थित हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

राज्‍यों से मदद

राज्‍यों से मदद

राज्य सरकार ने उत्तराखंड प्रभावितों की मदद के लिए राजधानी भोपाल से लेकर दिल्ली व देहरादून में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। इनके नियंत्रण कक्षों के जरिए सरकार तक प्रभावितों के संबंध में सूचनाएं आ रही हैं और उसी के मुताबिक उन्हें मदद पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। देहरादून में चिकित्सा, भोजन व अन्य जरूरतों के इंतजाम किए गए हैं।

सेना को ध्‍यान्‍यवाद

सेना को ध्‍यान्‍यवाद

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के बाद सेना अपने अब तक के अपने सबसे बड़े बचाव अभियान 'सूर्य कमान' के तहत अब भी राहत कार्यो में लगी हुई है। विषम परिस्थितियों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य तेजी से चल रहा है। उत्तराखंड के हर्षिल और तवाघाट के विभिन्न सेक्टरों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।

जवानों को धन्‍यवाद

जवानों को धन्‍यवाद

सेंट्रल कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चेत स्वयं लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं। कई दिनों तक फंसे रहने और असुरक्षा के साए में पल-पल डर के जीने वाले लोग जब सेना के जवानों के बीच महफूज पहुंच रहे हैं तो उनके आंसू छलक पड़ जाते हैं। कई बुजुर्ग महिलाएं तो लेफ्टिनेंड जनरल अनिल चेत से लिपट पड़ी और लोग सेना के जवानों को दुआएं दे रहे हैं।

बचाव कार्य में जुटे सेना के कुशल जवान

बचाव कार्य में जुटे सेना के कुशल जवान

सेना से मिली जानकारी के मुताबिक, बचाव अभियान के तहत पहाड़ में बचाव कार्य में जुटे सेना के कुशल जवानों ने केदारनाथ मार्ग पर गौरीकुंड और रामबारा के बीच जंगल चट्टी क्षेत्र में लगभग एक हजार लोगों के साथ संर्पक स्थापित किया। सेना प्रभावित लोगों को चिकित्सा और भोजन आपूर्ति भेज रही है। इसके अलावा बद्रीनाथ मार्ग पर गोविंदघाट और लामबागर पैदल चलने वालों के लिए ट्रैक खोल दिया गया है। पूरा रास्ता खोलने के लिए सेना युद्ध स्तर पर जुटी हुई है।

600 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित पहुंचाया

600 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित पहुंचाया

गंगोत्री और हर्षिल के बीच 600 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक हर्षिल और जोशीमठ से सेना के संचारतंत्र का प्रयोग करते हुए 2300 लोग अपने परिवार वालों से संपर्क करके उन्हें अपने सुरक्षित होने की जानकारी दे चुके हैं।

एएमयू के डॉक्‍टर पहुंचे

एएमयू के डॉक्‍टर पहुंचे

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति एस.अहमद अली ने कहा है कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए चिकित्सकों का एक दल वहां भेजा जाएगा। अली के मुताबिक, इस दल में अलग-अलग विभाग के 10 विशेषज्ञ चिकित्सक होंगे। इस दल की अगुवाई अंजुम परवेज करेंगे।

आईटीबीपी ने क्‍या कहा

आईटीबीपी ने क्‍या कहा

उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित बद्रीनाथ से रविवार को 2500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। भार-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता दीपक कुमार पांडे ने कहा कि सभी लोगों को जोशीमठ लाया गया है। उन्होंने कहा, "लगभग 500 लोग अभी भी जंगल चट्टी इलाके में फंसे हुए हैं, और हम उन्हें बचाने के लिए हवाई चौकसी करा रहे हैं।"

22000 हजार अब भी फंसे

22000 हजार अब भी फंसे

रविवार के इस आंकड़े के साथ उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से आईटीबीपी द्वारा निकाले गए लोगों की संख्या लगभग 22,000 हो गई है, जहां बादल फटने की वजह से सैंकड़ों लोगों की जान चली गई थी। आईटीबीपी ने बचाव कार्य तेज करने के लिए बद्रीनाथ से हनुमान चट्टी तक सड़क बनाया है।

557 शव बरामद हुए हैं

557 शव बरामद हुए हैं

सरकार का कहना है कि अब तक 557 शव बरामद हुए हैं और 20,000 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। कुछ अधिकारियों एवं बचावकर्मियों ने बताया कि मरने वालों की संख्या हजारों में भले न हो, लेकिन सैंकड़ों में हो सकती है।

बचाव कार्य सेना ने फिर शुरू कर दिया

बचाव कार्य सेना ने फिर शुरू कर दिया

उत्तराखंड में बारिश और घने बादलों के कारण थोड़े समय के रुका बचाव कार्य सेना ने फिर शुरू कर दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि इस आपदा में मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है।

बादल फटने और बाढ़ की घटना के बाद

बादल फटने और बाढ़ की घटना के बाद

बादल फटने और बाढ़ की घटना के बाद चलाए जा रहे बचाव कार्य का जायजा ले रहे बहुगुणा ने कहा कि मृतकों की संख्या हजार का आंकड़ा पार कर सकती है। त्रासदी अभी भी पसरी हुई है, और पिछले सप्ताह हुई बारिश से प्रभावित इलाकों में बचाव दल के पहुंचने के बाद ही अंतिम आंकड़ा सामने आ सकता है।

दूरवर्ती इलाकों में भी फंसे

दूरवर्ती इलाकों में भी फंसे

सेना के मध्य कमान के कमांडर इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चैत ने आईएएनएस को बताया कि सेना दूरवर्ती इलाकों में भी फंसे सभी लोगों को बचाएगी। उन्होंने यह स्वीकारा कि यह उनके जीवन में हुई अब तक की यह सबसे बड़ी त्रासदी है। उन्होंने बताया कि पर्वतीय इलाके और स्वास्थ्य विभाग के 8,500 जवान बचाव कार्य में तैनात किए गए हैं।

पिंडारी हिमनद से निकाले गए

पिंडारी हिमनद से निकाले गए

जनरल चैत ने कहा, "हमने गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ और पिंडारी हिमनद से निकाले गए 18,000 फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है।"

उनके मुताबिक, बारिश के नए दौर और खराब मौसम की वजह से सेना के हेलीकॉप्टर एक बार में सिर्फ सात-आठ लोगों को ही निकाल पा रहे हैं। उन्होंने कहा, "बचाव कार्य के लिए छह-स्तरीय रणनीति बनाई गई है।"

 हेलीकॉप्टरों की उड़ान

हेलीकॉप्टरों की उड़ान

इसमें हेलीकॉप्टरों की उड़ान, संसाधनों का फैलाव, राहत शिविरों को खाली कराना, लोगों को राहत शिविर से आधार शिविर ले जाना, लापता लोगों को बचाने के लिए खोजी अभियान और नष्ट हुए इलाके और आधारभूत संरचना का पुर्ननिर्माण शामिल है।

पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमौली जिलों में भारी बारिश

पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमौली जिलों में भारी बारिश

राज्य के पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमौली जिलों में भारी बारिश की सम्भावना है, जो पिछले सप्ताह बादल फटने और बारिश की वजह से पहले से आपदा झेल रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि 1,000 से अधिक प्रमुख और छोटी सड़कें बारिश में बह गई हैं और इस वजह से सिर्फ हवाई यातायात ही लोगों को बचाने का माध्यम रह गया है।

Comments
English summary
Almost whole India is facing rains right now due to monsoon. Natural disaster claimed more than 250 lives in Uttarakhand. And 23 killed in flood in Kerala. Here are fictures from the spot.
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