नक्सलियों से निपटना है तो मजबूत रणनीति बनानी होगी: मनमोहन
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में 25 मई को कांग्रेसी नेताओं पर हुए नक्सली हमलों सहित सभी नक्सली हमलों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि नक्सलियों के खिलाफ सतत अभियान चलाए जाने और विकास से जुड़े कार्यो को बढ़ावा देने की सरकार की दो आयामी रणनीति को और मजबूती प्रदान किए जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिह ने 25 मई को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के दल पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।
आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि 25 मई की घटना चरमपंथी समस्या से निपटने की प्रक्रिया में 'समय-समय पर मिलने वाला झटका' है, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा सहित 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। प्रधानमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए बर्बर हमले के संदर्भ में यह सम्मेलन बुलाया गया है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि बैठक में नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए कुछ ठोस उपाय निकलकर सामने आ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम नक्सलवाद को गंभीरता से ले रहे हैं। हमने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य किए हैं और इसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं।" मनमोहन सिंह के अनुसार, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोग शांति एवं सुरक्षा के वातावरण में जी सकें और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से सांप्रदायिक ताकतों से समग्रता से निबटने की अपील की, क्योंकि देश के विकास एवं समृद्धता के लिए सांप्रदायिक सद्भाव अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा, "समय आ गया है कि आतंकवाद, सांप्रदायिक हिंसा और नक्सलवाद को समग्रता के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए।" लोगों से संकीर्ण राजनीतिक एवं वैचारिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित में सोचने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं सभी राजनीतिक दलों एवं समाज के सभी वर्गो से अपील करता हूं कि इन चुनौतियों के समाधान के लिए प्रभावी तरीके अपनाएं।"
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद की समस्या से निबटने की रणनीति पर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वसम्मति बनाने के लिए सरकार ने 10 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्रियों ने 25 मई को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा किए गए हमले को लोकतंत्र और स्वतंत्रता पर सीधे हमले के समान बताया तथा माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए हर तरह के उपाय अपनाकर इस मामले का समाधान निकालने की बात कही। (आईएएनएस)