श्रीसंत, चंदीला, चव्हाण पर लगेगा मकोका, अब बेल मिलना मुश्किल!
नयी दिल्ली। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में फंसे राजस्थान रॉयल के तीनों खिलाड़ी एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चह्वाण के लिए बुरी खबर है। फिक्सिंग का खुलासा करने वाली दिल्ली पुलिस इन तीनों खिलाड़ी समेत बाकी के 26 आरोपियों पर मकोका लगाने की सिफारिश की है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से मकोका लगाने की सिफारिश की है।
पुलिस की इस सिफारिश पर अब कोर्ट यह फैसला करेगी कि किन-किन आरोपियों पर मकोका लगाना है। अगर दिल्ली पुलिस की सिफारिस को कोर्ट मान लेती है तो फिर मकोका लगने के बाद स्पॉट फिक्सिंग में फंसे इन तीनों खिलाड़ियों समेत बाकी के सभी आरोपियों की सुनवाई विशेष अदालत में की जाएंगी।
बीसीसीआई चीफ गुरुनाथ मयप्पन और एक्टर विंदू दारा सिंह को सट्टेबाजी ममाले में बेल मिलने के बाद आज श्रीसंत और अजीत चंदीला की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन इससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने यह कड़ा कदम उठा लिया।
जबकि कोर्ट ने क्रिकेटर अंकित चव्हाण को शादी के लिए 6 जून तक सशर्त जमानत पर रिहा किया हैं। मकोका की सिफारिश कर रही दिल्ली पुलिस ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के आरोपियों को संगठित अपराध के दायरे में शामिल कर लिया है। पुलिस को फिक्सिंग में अंडरवर्ल्ड के शामिल होने का शक है और इसी को आधार मानकर वो खिलाड़ियों पर मकोका लगा रही है।
मकोका कानून को देखा जाए तो महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका बनाया था। इस कानून का मकसद अंडरवलर्ड की संगठित गतिविधियों से निपटना है। वर्ष 2002 में दिल्ली में भी यह कानून लागू कर दिया गया। अगर इन खिलाड़ियों पर मकोका
लगाया जाता है तो इन्हें जमानत मिलना मुश्किल हो जाएगा। मकोका में जमानत का प्रावधान नहीं है और अधिकतम सजा फांसी है, जबकि कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान है। दिल्ली पुलिस की इस सिफारिस ने श्रीसंत समेत बाकी के आरोपियों की मुसिबतें बढ़ा दी है। अब सब की नजर कोर्ट के फैसले पर होगी कि कोर्ट किन-किन आरोपियों पर मकोका लगाने की दिल्ली पुलिस सिफारिशों को मंजूर करती है।
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि मुंबई पुलिस और दिल्ली पुलिस मामले की अलग अलग जांच कर रही है तो ये पूरी जांच एक एजेंसी यानी सीबीआई को दे दी जाए।