रिटायरमेंट समाप्त कर इंफोसिस वापस लौटे नारायण मूर्ति
बेंगलुरु। देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति अपना रिटायरमेंट समाप्त कर कंपनी में वापस लौट आये हैं। अब वो फिर से कंपनी के एक्जिक्यूटिव चेयरमैन होंगे और पहले की तरह काम करना शुरू करेंगे। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी के चेयरमैन केवी कामथ बोर्ड चेयरमैन के पद से उतरेंगे और अब वो लीड इंडपेंडेंट डायरेक्टर के पद पर काम करेंगे।
ज्ञात हो कि नारायण मूर्ति ने इंफोसिस की स्थापना मात्र 10 हजार रुपए के निवेश के साथ की थी। वो पैसा भी उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने लगाया था। कंपनी की स्थापना 1981 में हुई थी। तब से लेकर 21 साल तक नारायण मूर्ति कंपनी के चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफीसर (सीईओ) रहे। मूर्ति के बाद कंपनी के सह-संस्थापक नंदन नीलकेनी ने 2002 में इस पद को संभाला ओर कंपनी को नई बुलंदियों तक पहुंचाया।
2002 से 2006 तक नारायण मूर्ति बोर्ड के चेयरमैन रहे। 2006 में वो नॉन एक्जिक्यूटिव चेयर मैन बने और चीफ मेंटर के रूप में काम करने लगे। अगस्त 2011 में उन्होंने पूरी तर रिटायरमेंट ले लिया और उन्हें कंपनी ने चेयरमैन एमेरिटस का खिताब दिया। उसी खिताब के साथ अब उन्होंने एक बार फिर वापसी की है। उम्मीद है कि कंपनी को एक बार फिर नई दिशा मिलेगी।