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बस्तर टाइगर कर्मा से भयभीत थे नक्सली..

By Ians Hindi
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जगदलपुर। बस्तर टाइगर महेन्द्र कर्मा एक कांग्रेसी नेता भले ही रहे हों किन्तु वे वास्तव में वे नक्सल विरोध का पर्याय माने जाते थे। उनकी एक गर्जना से लाखों बस्तरवासियों में करंट दौड़ जाता था। लोग लामबंद होकर अपने नेता के पीछे चल पड़ते थे। तब कोई नहीं कहता था, "मैं कांग्रेसी नहीं हूं। मैं महेन्द्र कर्मा के साथ क्यों चलूं?"

जो भी उनसे मिलते और जब उन्हें जान जाते वे सभी उन्हें अपना सा लगता। हर साथी को लगता था कि महेंद्र कर्मा अपने हैं कोई समझ नहीं पाता था कि महेंद्र कर्मा किसे ज्यादा चाहते हैं। हर क्षेत्र में महेंद्र कर्मा को आगे देखना उनके समर्थक या साथियों की इच्छा होती थी। महेंद्र कर्मा को मिटाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही अंधाधुंध गोलीबारी में 25 से अधिक लोग मारे गए तथा दर्जनों लोग घायल हुए।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके पुत्र दिनेश पटेल, पूर्व विधायक उदय मुदलियर का मारा जाना प्रमुख रूप से कांग्रेस के लिए भारी क्षति होगी, किन्तु महेंद्र कर्मा की मौत बस्तर के लिए भारी क्षति है। अब कौन सामने आकर नक्सलियों को दहाड़कर उनके मध्य खलबली पैदा करेगा।

इस भीषण कांड पर तरह-तरह की चर्चा का बाजार गर्म है। इन हत्याओं से किस नेता या पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा होगा। पटेल और उनके बेटे कभी भी नक्सलियों की हिट लिस्ट में नहीं थे। कुछ ऐसी बातें हैं जिनसे संदेह पैदा होना स्वाभाविक है। एनआईए टीम द्वारा जांच की जा रही है। पूर्व मुख्य मंत्री अजीत जोगी शायद सच कह रहे हैं कि यह राजनैतिक हत्याकांड है। बस्तर अंचल को लाल आतंक से मुक्ति दिलाने वाला महेंद्र कर्मा के जैसा कोई वन मैन आर्मी अब दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता। पिछले लगभग तीन सालों में नक्सली रक्षात्मक हो चले थे। इस बात को लेकर नक्सलवादी बौखलाए और चिन्तित थे। इसी बौखलाहट में उन्होंने देश के सबसे बड़े राजनैतिक हत्याकांड को अंजाम दिया।

नक्सली महेन्द्र कर्मा से इतने बौखलाए थे या यूं कह लें कि वन मैन आर्मी (कर्मा जी) से इतने भयभीत थे कि घटना के समय कर्मा के हाथ बांध दिए गए मानो बस्तर टाईगर महेंद्र कर्मा आधुनिक हथियारों से लैस इतने सारे नक्सलियों से अकेले भिड़ जाएंगे। उन पर गोली दागी गई, जब वे गिर गए उसके बाद भी ग्रुप के नक्सली लीडर ने उनके शरीर पर दनादन सौ गोलियां दाग दीं। बताया जाता है कि उनके शरीर में खंजर भी घोंपा गया था। इतने पर भी नक्सलियों को शांति नहीं मिली उनके चहेरे को पत्थर से कुचला गया।

नक्सलियों ने कर्मा की लाश को घेर कर जश्न मनाया, नांच गाना किया, कई नक्सलियों ने कर्मा के मृत शरीर पर खड़े होकर यह जताने की कोशिश की कि "सलवा जडूम" चलाने वाला "बस्तर टाईगर" का शिकार कर लिया है। अब नक्सलियों के खिलाफ कौन दहाड़ने का साहस करेगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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English summary
The main reason behind Bastar massacre was that Naxalites in Chhattisgarh was scared of Mahendra Karma.
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